लखनऊ : नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारी विरोध का अपनाएंगे यह तरीका, ऑनलाइन रिपोर्टिंग हो सकती है ठप

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने आंदोलन का एक नया तरीका निकाला है। मांगे ना पूरी होने के चलते कर्मचारी काम तो करेंगे, लेकिन ऑनलाइन रिपोर्टिंग नहीं करेंगे। जिससे स्वास्थ्य के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं में बाधा पढ़ना तय है। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने 25 फरवरी को आगरा में हुई बैठक के दौरान रणनीति भी बनाई। 

दरअसल,उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेज कर अपनी समस्या बताई थी। कर्मचारियों ने 12 फरवरी से लेकर 22 फरवरी के बीच पत्राचार अभियान चला रखा था, जिसके तहत 12000 पत्र मुख्यमंत्री को भेजे गए थे। कर्मचारियों ने यह पत्र भेजकर भारत सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अतिरिक्त बजट को उपयोग करने की मांग की थी, लेकिन उसके बाद भी कोई फैसला शासन की तरफ से नहीं लिया गया। अब कर्मचारी ऑनलाइन रिपोर्टिंग ठप करने का मन बना रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया है कि साल 2016 से  भारत सरकार लगातार 3% अतिरिक्त बजट राज्यों को वेतन विसंगति दूर करने के लिए देती है। जिसका उपयोग हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार सरकार ने किया है।

उन राज्यों में वेतन नीति का निर्धारण कर संविदा कार्मिकों की वेतन विसंगति दूर की गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और प्रदेश सरकार के ध्यान न देने कारण अभी तक आठ साल बाद भी उस बजट का उपयोग नही हुआ है। हम लोग लगातार सरकार से इस बजट के इस्तेमाल करने की मांग कर रहे हैं। जिससे संविदा कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति ठीक हो सके लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है मजबूरन हमें ऑनलाइन रिपोर्टिंग ठप करने का फैसला लेना पड़ेगा।

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