Kanpur: इस बड़े बाजार में बिना फुटपाथ की रोड, सड़क पर पार्किंग; अतिक्रमण से राहगीर होते परेशान
कानपुर, अमृत विचार। शास्त्रीनगर बाजार की मुख्य सड़क पर वाहनों की कौन कहे, पैदल भी नहीं चला जा सकता है। बाजार में अतिक्रमण इस कदर हावी है कि सड़क का फुटपाथ दिखता ही नहीं है। खरीदारी करने आने वालों को अपने वाहन दुकान के बाहर सड़क पर ही लगाने पड़ते हैं। बाजार के बीचोंबीच पुलिस चौकी है, लेकिन चौकी का गेट भी अतिक्रमण का शिकार है। कभी कोई खरीदार वाहन खड़ा कर देता है तो कभी ठेले वाले गेट के बाहर खड़े होकर सब्जी और फल बेचने लगते हैं।

शास्त्रीनगर बाजार की रोड गली से भी बदतर है। काली मठिया मंदिर से सेंट्रल पार्क तक हालत सबसे ज्यादा खराब है। इस दायरे में ही प्रमुख बाजार भी है। बमुश्किल पांच मिनट का यह रास्ता राहगीरों को 20 मिनट में तय करना पड़ता है। यह सामान्य स्थिति है और अगर शाम का समय हो तो आधे घंटे से अधिक का समय लग सकता है। बाजार होने के कारण सब्जी, फल, खाने का सामान बेचने वाले भी ठेला लेकर घूमते रहते हैं। बाजार में सुबह और शाम को खरीदारों का लोड बढ़ता है, इसी समय लोगों का आवागमन होता है। इस समय राहगीरों को जाम में फंसना पड़ता है।
मवेशियों का झुंड परेशान करता
बाजार में सब्जी और फल के करीब तीन दर्जन से अधिक ठेले खड़े होते हैं। इसके अलावा कई मिठाई व नाश्ते की दुकानें है। ठेले से फेंका जाने वाला खराब फल व सब्जी और दुकानों से निकलने वाले दोना खाने के चक्कर में बाजार में दिनभर मवेशी घूमते रहते हैं। जिससे राहगीरों को खतरा बना रहता है।
200 से अधिक वाहन हर समय रोड पर मिलेंगे
काली मठिया चौराहा से लेकर सेंट्रल पार्क तिराहे तक करीब 200 से अधिक वाहन सड़क पर दोनों तरफ खड़े मिल जाएंगे। दो पहिया वाहन तो लोग दुकानों के बाहर ही सड़क पर लगा देते हैं। आड़े तिरछे खड़े वाहनों से जाम लगता रहता है। इनके बीच ठेला से फेरी लगाने वाले बची कसर पूरी कर देते हैं।
बाजार में ही पुलिस चौकी
बाजार के बीचोंबीच शास्त्रीनगर पुलिस चौकी है। बाजार में पुलिसकर्मी टहलते भी रहते हैं। मगर अतिक्रमण और जाम की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है। चौकी के गेट के बाहर ही ठेले वाले ठेला खड़ा करके सामान बेचने लगते हैं।
