शाहजहांपुर सड़क हादसा: सपने हो गए चकनाचूर...बिलख रहे परिजनों के नहीं थम रहे थे आंसू

शाहजहांपुर सड़क हादसा: सपने हो गए चकनाचूर...बिलख रहे परिजनों के नहीं थम रहे थे आंसू

शाहजहांपुर/कुर्रिया कला, अमृत विचार। कांट के जरावन गांव के पास कार का टायर बस्ट होने से हुए हादसे में दो छात्रा और दो छात्रों की मौत से परिजनों के सपने चकनाचूर हो गए। शवों को देख कर बिलख रहे परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मृतकों के घर के बाहर ग्रामीणों और आने-जाने वालों की भीड़ लगी हुई थी। बिलख रहे परिजनों को देख उनकी भी आंखे नम हो रही थीं। 

मृतक अनुराग के पिता चंद्रपाल सफाई कर्मी है और इसी से उनके परिवार का पालनपोषण होता है, बेटे को पढ़ा लिखाकर कामयाब बनाना चाहते थे, पर हादसे में बेटे के मौत के साथ ही उनका सपना भी चकनाचूर हो गया। मुस्कान के पिता महेंद्र मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह बेटी को पढ़ाकर उसे अपने पैरों पर खड़ा करना चाहते थे। मजदूरी से होने वाली कमाई से कुछ हिस्सा बचाकर वह बेटी की पढ़ाई पर खर्च करते थे। 

हाईस्कूल के पेपर शुरू हुए तो बेटी ने पिता को पहली बार में ही परीक्षा में कामयाब होने का भरोसा देने के साथ ही कहा था कि वह प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती है। परिवार को भी लग रहा था कि होनहार बेटी उनकी उम्मीदों को जरूर पूरा करेगी लेकिन जब उसे हादसे में बेटी की मौत की खबर मिली तो उसके होश उड़ गए। प्रतिष्ठा के पिता अनिल मिश्र स्कूल चलाते हैं। प्रतिष्ठा की बड़ी बहन वेदांती 12वीं के पेपर दे रही है। 

सुबह बेटी को पेपर देने जाने के लिए भेजा था कि पेपर में कोई सवाल छोड़ना नहीं, लेकिन अनिल को क्या पता था कि जिसे वह समझाकर परीक्षा देने के लिए भेज रहे हैं, इस तरह रोता-बिलखता छोड़ जाएगी। वहीं अनुरूप के पिता  नीरज कपड़ा की फेरी लगाकर घर खर्च चलाते हैं, बेटे अनुरूप ने जब नौंवी पास कर हाईस्कूल में प्रवेश लिया तो उन्हें लग रहा था कि बेटा कामयाबी की ओर बढ़ रहा है, इसलिए उन्होंने परिवार के खर्चे में कटौती कर ली लेकिन बेटी की पढ़ाई में आर्थिक कमजोरी को आड़े नहीं आने दिया लेकिन हादसे में बेटे की मौत से परिवार पूरी तरह से टूट गया।  

कोई लौटा दे मेरे बेटे को
हादसे में मरे छात्र अनुरूप की मां ने बताया कि हजार-हजार रुपये कई बार ब्याज पर लिए थे बेटे ने कहा था कि मां परेशान मत होना, जब पढ़ लिखकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचेंगे तो लोगों की पाई-पाई चुकता कर देंगे। बेटे के शव पर बिलख रही मां के मुंह से यही बात बार-बार निकल रही थी। उसे भी भरोसा था कि बेटा उसके सपने को जरूर पूरा करेगा और इसी उम्मीद में वह आर्थिक कमजोरी में भी ब्याज पर रुपये लेकर बेटे को पढ़ा रही थी। बिलख रही मां कह रही थी कि कोई मेरे बेटे को लौटा थे।

हादसे में स्कूल प्रबंधक की बेटी की भी चली गई जान 
जरावन में बैंक आफ बड़ौदा के पास हुए हादसे में बरेंडा गांव में स्थित श्रीमती उमलेश देवी शिक्षण संस्थान के प्रबंधक अनिल मिश्रा की बेटी प्रतिष्ठा की भी जान चली गई। प्रतिष्ठा दो बहनों और दो भाइयों में दूसरे नंबर की थी, उससे बड़ी बहन वेदांती 12वीं के पेपर दे रही है। उससे छोटे दो भाई छह वर्षीय विभम और चार वर्षीय कृष्ण है। अनिल ने बेटी की पढ़ाई के प्रति ललक को देखते हुए सपने संजोए थे, जो बिखर गए। 

विधायक पुत्र अरविंद ने भी जाना घायलों का हाल
ददरौल भाजपा विधायक रहे स्वर्गीय मानवेंद्र सिंह के पुत्र पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अरविंद सिंह ने जिला अस्पताल पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया और घायलों को भर्ती कराकर उनके समुचित इलाज कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वार्ता की।

पीड़ित परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा की मांग
सपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य पति नीरज मिश्र ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का जाना और परिजनों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर मृतकों के परिजनों को भी ढांढ़स बंधाते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने प्रशासन से वार्ता कर आर्थिक रूप से कमजोर पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये आर्थिक मदद दिलाए जाने की बात रखी।

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णाराज ने भी जताया दुख
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णा राज ने भी जरावन के पास हुए हादसे में परीक्षार्थियों की मौत की घटना को लेकर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ईश्वर से परिवार वालों दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना के साथ ही कहा कि हम 24 घंटे मृतकों और घायलों के परिजनों के साथ खड़े हैं।

बोले, हादसे के चश्मदीद---
ड्राइवर नशे की हालत में था इसी कारण हादसा हुआ। कार बहुत तेज रफ्तार में थी, ड्राइवर मुलायम पहले ट्रैक्टर चलाता था लेकिन अब वह वैन चलाने लगा लेकिन ठीक से ड्राइविंग नहीं कर पाता था।
खालिद  

कार बहुत तेज रफ्तार में थी, लगभग 100 से ऊपर रफ्तार थी। ड्राइवर नशे के हालात में लग रहा था। कार का टायर बस्ट होने के बाद चालक ने एक दम हैंडब्रेक लिए जिस कारण यह हादसा हुआ।-अरसद 

एक कार जिसमें 11 छात्र-छात्राएं सवार होकर परीक्षा देने जैतीपुर जा रहे थे, जरावन गांव के पास कार का टायर बस्ट हो जाने की वजह से कार अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई, जिसमें दो छात्रा और दो छात्र की मौत हो गई, सात परीक्षार्थी घायल हैं, जिनका जिला मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।-संजय कुमार, एएसपी सिटी

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