Kanpur: एमएसएमई एक्सपो में प्रदर्शित किए गए भविष्य के उत्पाद; कांच की ईंट व कार में लगने वाली ऑक्सीजन मशीन रही आकर्षण का केंद्र

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Published By Deepak Shukla
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एक्सपो में ऐसी मशीन प्रदर्शित की गई जो 90 सेकेंड में मिट्टी की जांच करती है

कानपुर, अमृत विचार। एमएसएमई के एक्सपो में लघु उद्यमियों ने भविष्य के उत्पाद प्रदर्शित किए। फजलगंज केंद्र में हुए वेंडर डेवलपमेंट कार्यक्रम में 80 से अधिक उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, जिन्हें कारोबारियों ने परखा। एक्सपो में 90 सेकेंड में मिट्टी की जांच करने वाला यंत्र और कार में लगने वाली ऑक्सीजन मशीन जैसे उत्पाद आकर्षण का केंद्र रहे। 

दो दिवसीय एक्सपो में तीन तरह के स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें सरकारी उपक्रम, बैंक और लघु उद्यमियों के उत्पाद एक साथ आए हैं। केंद्र ने सरकारी विभागों, बैंक और लघु उद्यमियों का सामना कराया। इससे तीनों ही क्षेत्र की जरूरतें पूरी हुईं। सरकारी उपक्रमों ने उत्पादों को परखकर भविष्य में ऑर्डर दिए जाने की बात कही। 

एक्सपो जांच 2 वहीं लघु उद्यमियों ने भी बैंक के स्टॉल पर जाकर अपनी आर्थिक जरूरतों के अनुसार ऑफर समझे। एक्सपो में रेलवे, एचएएल, गेल, डीएमएसआरडी, एलिम्को, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम सहित अन्य स्टॉल प्रमुख रहे। इसी तरह बैंकों में यूको, कैनरा, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी जैसी बैंक के स्टॉल के प्रतिनिधियों ने लघु उद्यमियों के प्रश्नों के उत्तर दिए। 

डिप्टी डायरेक्टर सुभाष चंद्र व सहायक निदेशक अमित बाजपेई ने बताया कि एक्सपो में लघु उद्यमियों ने चमड़े, फूड, प्रोसेसिसिंग, प्रिंटिंग व मशीनरी के उत्पाद खासतौर पर प्रदर्शित किए। शहर के उद्योगपतियों ने युवा उद्यमियों के उत्पादों की जानकारी ली और लघु उद्यमियों ने सीधे अपने उत्पादों से संबंधित ऑर्डर लिए। 

90 सेकेंड में मिट्टी की जांच

एक्सपो में ऐसी मशीन प्रदर्शित की गई जो 90 सेकेंड में मिट्टी की जांच करती है। एग्रोनेक्स भू परीक्षक नामक इस मशीन के बारे में निलय दुबे ने बताया कि यह मशीन मिट्टी के छह तत्वों नाइट्रोजन, फासफोरस, पोटेशियम, ऑग्रेनिक कॉर्बन आदि की गुणवत्ता जांच 90 सेकेंड में कर देती है। आईआईटी के विशेषज्ञों की ओर से बनाई गई इस मशीन से मिट्टी की जांच करना बिल्कुल घर में बीपी नापना जैसा है।  

ऑक्सीजन सिलेंडर का विकल्प 

एक्सपो में ऐसी ऑक्सीजन मशीन प्रदर्शित की गई, जिसे हर तरह की कार में आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है। कार की बैट्री से ही चार्ज होने वाली इस मशीन को सेना के ट्रकों और एंबुलेंस में भी असानी से लगाया जा सकता है। ऑक्सीजन कंसंटेटर व्हीकल नामक इस मशीन को एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर का विकल्प माना जा रहा है। प्रोजेक्ट एसोसिएट शुभम ने बताया कि यह मशीन आईआईटी कानपुर के छात्र सिद्धांश श्रीवास्तव की ओर से बनाई गई है। 

कांच की ईंट से बिजली की बचत 

एक्सपो में कांच की ईंट भी रोचकता का केंद्र रहीं। दीपिका द्विवेदी ने बताया कि यह ईंट इंडोनेशिया से मंगवाई जाती है। अधिक ताप में पकने की वजह से ईंट को आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता। घरों में लेंटर और छतों के कुछ हिस्सों में इस ईंट के प्रयोग से दोपहर को कमरों में बिजली की जरूरत नहीं होती। खास बात यह है कि धूप से रोशनी लेते हुए यह ईंट गर्मी को भी बाहर रखती है।

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