पीलीभीत: 30 करोड़ से बदली जा रही 663 गावों की सूरत, शहरी तर्ज पर होगा काम
पीलीभीत, अमृत विचार: स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी तर्ज पर विकसित करने का प्रयास है। पंचायती राज विभाग की ओर से ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन के निस्तारण के लिए 663 ग्राम पंचायतों में कार्य कराए जा रहे हैं। जिसके लिए शासन की ओर से 30 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
बजट मिलने के बाद ग्राम पंचायतों को बजट आवंटित होने के बाद 501 ग्राम पंचायतों में योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है। हालांकि 39 ग्राम पंचायतों में कार्य कराने के लिए राजस्व विभाग की ओर से भूमि नहीं मिल पा रही है। जिससे वजह से वहां योजना ठप पड़ी हुई है। 123 में काम चालू है।
जिला पंचायती राज विभाग की ओर से जिले की 720 ग्राम पंचायतों में 663 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया था। जिससे इन ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन का कार्य कराया जाना है। ताकि ग्राम पंचायतें भी सुंदर और सुसज्जित हो सके।
सभी ग्राम पंचायतों का स्टीमेट बनाकर पंचायत निदेशालय को भेजा गया था। जिस पर मंथन करने के बाद 30 करोड़ रुपये का बजट जुलाई 2023 में जारी हुआ था। बजट मिलने के बाद इस बजट से चयनित की गई ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा के माध्यम से सुबह ही ग्राम पंचायत कर्मचारी घर-घर कूड़ा उठाने पहुंचेंगे।
वहीं कूड़े के निस्तारण के लिए केंद्र का निर्माण भी कराया जा रहा है। इसके अलावा जल निकासी और प्लास्टिक प्रबंधन के भी इंतजाम होने हैं। पिट बनाने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की भी तैयारी है। इसके लिए वर्मी कंपोस्ट पिट तैयार की गई है। जिसमें ग्राम पंचायतों में संचालित गौशालाओं से प्राप्त गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार की जाएगी।
इससे प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इस कार्य में पंचायती राज विभाग के अलावा ग्राम प्रधान, सचिव और बीडीओ की भूमिका अहम रखी गई है। कार्य शुरु होने के बाद 663 ग्राम पंचायतों में से 501 ग्राम पंचायतों में लगभग काम पूरा होने की कगार पर है। इन गांवों में कंपोस्ट पिट, फिल्टर चैंबर, आरआरसी सेंटर और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम शुरु हो चुका है।
जहां अब ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर काम कराया जाएगा। ताकि गांवों को शहरी तर्ज पर विकसित किया जा सके। साथ ही गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों के कलस्टर बनाकर आरआरसी सेंटर (ठोस अपशिष्ट रिसोर्स रिकवरी) सेंटर बनाए जाएंगे। यहां पर ठोस, तरल, सूखे कचरे को अलग किया जाएगा। इसके लिए यहां पर मशीनें भी लगाई जा रही है। इसे कूड़े को डिस्पोज किया जाएगा। हालांकि आरआरसी सेंटर और अन्य कार्य के लिए राजस्व विभाग की ओ
र से अमरिया ब्लॉक में आठ, ललौरीखेड़ा ब्लॉक में सात गांव, बीसलपुर और बिलसंडा में एक- एक, बरखेड़ा में पांच गांव, मरौरी में चार और पूरनपुर ब्लॉक में 13 यानी कुल 39 राजस्व गांवों में आरआरसी सेंटर के लिए जगह नहीं मिल सकी है। जिस वजह से योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। इसके लिए एसडीएम को पत्राचार किया गया है।
यह होंगे प्रमुख कार्य
-जल निकासी के लिए नाली और नालों निर्माण
-स्वच्छता के लिए नालियों में फिल्टर चैंबर का निर्माण
-घर-घर कूड़ा उठान
-कूड़ा निस्तारण केंद्र का निर्माण
-गांव में लगाए जाएंगे कूड़ेदान
-वर्मी कंपोस्ट पिट का होगा निर्माण
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के तहत 663 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। 501 में काम लगभग पूरा हो चुका है। 39 गांवों में भूमि न मिलने की वजह से आरआरसी सेंटर का काम रुका हुआ है। इसको लेकर एसडीएम को पत्राचार किया गया है। गांवों को अब शहरी तर्ज पर विकसित करने का जोर है--- सतीश कुमार डीपीआरओ।
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