पीलीभीत: सीएमओ-एसीएमओ के डिजिटल सिग्नेचर एक्सपायर, मानदेय अटका...कर्मचारी परेशान

पीलीभीत: सीएमओ-एसीएमओ के डिजिटल सिग्नेचर एक्सपायर, मानदेय अटका...कर्मचारी परेशान

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पीलीभीत, अमृत विचार: एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों के आगे मानदेय का संकट गहरा गया है। होली नजदीक है और मानदेय अटकने से कर्मचारी परेशान हैं। दरअसल, सीएमओ-एसीएमओ के डिजिटल सिग्नेचर एक्सपायर होने के कारण सीएमओ कार्यालय, सीएचसी पीएचसी और मुख्यालय पर काम करने वाले करीब 650 संविदा कर्मियों को फरवरी मानदेय नहीं मिल सका है। 

इससे पूर्व में भी एक बार मानदेय के लिए अटका चुका था। इसलिए कर्मचारियों को अब होली फीकी होने का डर सता रहा है। फिलहाल सीएमओ ने जल्द सभी अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर बनवाकर मानदेय व भुगतान निकालने के आदेश दिए हैं। जिसकी प्रक्रिया दस दिनों से चल रही है, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी।

जनपद में सीएमओ के अधीन करीब 650 संविदा कर्मचारी कार्यरत है। जिनमें कम्प्यूर ऑपरेटर से लेकर विभिन्न पदों पर सीएमओ कार्यालय और सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत हैं। जिन्हें एनआरएचएम के तहत रखा गया है। जनवरी माह का मानदेय तो समय से रिलीज कर दिया गया है। इन सभी का मानदेय सीएमओ और एसीएमओ के हस्ताक्षर से रिलीज होता है। 

मगर जब फरवरी का मानदेय देने की बात आई,  तो अफसर परेशान हो उठे। क्योंकि मानदेय रिलीज करने वाली डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर) तीन मार्च को एक्सपायर हो गई। इस कारण सभी 650 संविदा कर्मचारियों का मानदेय नहीं मिल सका है। मार्च में होली का पर्व नजदीक आते ही संविदा कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसकी प्रमुख वजह मानदेय न मिलना है। 

अधिकांश संविदा कर्मचारी अल्प मानदेय पर कार्यरत हैं। समय से मानदेय न मिलने पर उन्हें कर्जा लेने को मजबूर होना पड़ता है। मानदेय में देरी होने से आने वाली आर्थिक संकट गहराने लगा है। क्योंकि 25 मार्च को होली का त्योहार है। अगर इस सप्ताह में मानदेय नहीं मिला तो आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। 

हालांकि डीएचसी एक्सपायर होने के बाद सीएमओ की ओर से नई डीएससी बनवाने के लिए आवेदन कर दिया गया है। जिसमें सीएमओ डॉ. आलोक कुमार की डीएससी बनकर आ गई है। हालांकि एसीएमओ की डीएससी में इसलिए परेशानी आ रही है। क्योंकि एसीएमओ का पैन कार्ड में जो फोटो लगा है। वह युवा अवस्था का है। जिस कारण वीडियो में आ रहे फोटो विजुअल और पैन कार्ड का फोटो मिस मैच हो रहा है।  

22 फरवरी को मिली थी एक्सपायर होने की सूचना
डिजिटल सिग्नेचर एक्सपायर होने से पहले ही ई-मेल पर अलर्ट आया था। बीते 22 फरवरी को सीएमओ कार्यालय की आधिकारिक ई-मेल आईडी पर डीएससी एक्सपायर होने को लेकर सूचित किया गया था। डीएससी बनवाने के लिए अधिकारियों को पर्याप्त समय भी दिया गया, लेकिन आला अधिकारी सोते रहे। सीएमओ ने 22 फरवरी को ही प्रकरण में कार्रवाई के लिए जिला लेखा प्रबंधक को लिखित आदेश दिए। इसके बावजूद जिला कार्यक्रम यूनिट व जिला लेखा प्रबंधक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

तीन मार्च को डीएससी एक्सपायर हो गई थी। डीएससी को लेकर आवेदन किया गया था। मेरी डीएससी बनकर आ गई है। एसीएमओ की डीएससी में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है, जिसे दूर कराया जा रहा है। विकल्प के तौर पर दो डिप्टी सीएमओ की डीएससी बनवा ली गई है। इस सप्ताह हर हालत में मानदेय रिलीज कर दिया जाएगा--- डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ।

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