अयोध्या: एक बार फिर विश्व कीर्तिमान रचने जा रही रामनगरी!, रामोत्सव में 11 प्रदेशों के 250 कलाकार करेंगे शौर्य प्रदर्शन

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या, अमृत विचार। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर आयोजित रामोत्सव में अयोध्या विश्व कीर्तिमान रचने का साक्षी बनने जा रही है। तुलसी उद्यान के मंच पर लोक जनजाति और संस्कृति संस्थान लखनऊ और समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा शौर्य पर्व पर आमंत्रित 11 प्रदेशों के 250 से भी अधिक कलाकार अपनी विशिष्ठ प्रस्तुति देकर कीर्तिमान बनाएंगे।

सनातन संस्कृति में शास्त्र और शस्त्र की महत्ता को दर्शाते हुए 18 से 20 मार्च तक शौर्य पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आमंत्रित कलाकार अपने-अपने प्रदेश के पारंपरिक लोकनृत्य जिसमें शस्त्र और शौर्य का  प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

केरल का कलारीपत्तू तो महाराष्ट्र के मर्दानी का होगा प्रदर्शन 

दो दिवसीय शौर्य पर्व के आयोजन में केरल प्रदेश का कलारीपत्तू, पंजाब का गतका, महाराष्ट्र का मर्दानी खेल,उत्तर प्रदेश का मल्लखंब और आल्हा, गुजरात का तलवार रास,पश्चिम बंगाल का ढाली का प्रदर्शन वहां के कलाकार करेगें। वहीं मध्य प्रदेश का अखाड़ा और दिवारी, तेलंगाना का कर्रा सामू,झारखंड का पायका, मणिपुर का थांग-टा, ओडिशा का शंख वादन, तुरही, रमतुला, बिगुल वादन जैसे रोमांचक और अद्भुत लोक नृत्यों के साथ शस्त्रों के साथ करतब होगें। 

रामोत्सव में पौराणिक कलाओं को मिलेगा पुनर्जीवन 

लोक जनजाति एवम संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने बताया हमारे पौराणिक शास्त्रों में देवताओं द्वारा शस्त्र पूजन की परंपरा का वर्णन है। भगवान राम ने भी वनवास जाते समय भी  महर्षि अगस्त्य से पूजित शस्त्र लिया था। रावण युद्ध से पूर्व भी शस्त्र पूजन का उल्लेख है।उन्होंने बताया कि आदिकाल से लेकर महाभारत और वर्तमान में भी विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा है। इसी परंपरा को लोकनृत्यों ने संजोया है। उन्होंने बताया कि भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर लाने के लिए इस कला का प्रदर्शन किया जा रहा है।

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