रामपुर: शहर के कई घरों में पल रहे पिटबुल, बच्चों पर हो रहे हमलावर

रामपुर: शहर के कई घरों में पल रहे पिटबुल, बच्चों पर हो रहे हमलावर

रामपुर, अमृत विचार। घरों में पल रहे पिटबुल सहित कई नस्लों के कुत्ते लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं, मौका मिलते ही  यह कुत्ते बच्चों से लेकर बड़ों के पीछे पड़ जाते हैं और उसके बाद इनको काटकर घायल कर रहे हैं। 

लेकिन नगर पालिका की ओर से कुत्ते पालने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रामपुर शहर में नगर पालिका के आंकड़ों के मुताबिक एक भी कुत्ते का लाइसेंस नहीं है। पशु पालन विभाग और नगर पालिका परिषद के अधिकारी एक दूसरे के गेंद डालने का प्रयास कर रहे हैं।

मौजूदा समय में शहर की आबादी करीब चार लाख है। आधी से ज्यादा आबादी में लोग घरों को सुरक्षित रखने के लिए या फिर  स्टेटस सिबंल के लिए कई प्रकार के कुत्तों को पालते हैं शहर में ज्यादातर घरों में पिटबुल या फिर अन्य नस्लों के कुत्ते पाले जा रहे हैं यह कुत्ते आसपास के लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। कुछ देर तक इन कुत्तों को खुला छोड़ दो तो  यह कुत्ते आसपास के लोगों पर हमला करके उनको काटकर घायल कर देते हैं। 

जबकि शासन के सख्त आदेश है कि कुत्तों को पालन के लिए नगर पालिका से पंजीकरण  होना जरूरी है,लेकिन लोग उसके बाद भी जागरूक नहीं हैं। बिना नगर पालिका से रजिस्ट्रेशन कराए कुत्ते पाले जा रहे हैं।  नगर पालिका के अधिकारी  भी इसको लेकर सक्रिय नहीं हैं अभी तक ऐसे कुत्ते स्वामियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पिटबुल लोगों के लिए सबसे ज्यादा घातक सिद्ध हो रहे हैं। इसके अलावा तहसीलों में भी लोग धड़ल्ले से कुत्ते पाल रहे हैं।

कई जिलों में पिटबुल मालिकों को भी कर चुके हमला
सरकार ने  पिटबुल सहित कई प्रकार की नस्ल के कुत्तों के पालने पर पाबंदी लगा दी है,लेकिन उसके बाद भी लोग कुत्ते पालने से बाज नहीं आ रहे हैं। घरों में कुत्ते पाले जा रहे हैं। सबसे ज्यादा पिटबुल नाम के कुत्ते पाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से  पता चलता रहता है कि पिटबुल अपने मालिक तक को नहीं छोड़ते हैं उन पर भी  हमला करके उनको घायल कर रहे हैं।

कारों में बैठाए घूमते हैं कुत्ते
रात आठ बजे से लोग सड़कों पर घूमने के लिए आ जाते हैं उसके बाद अपने  साथ कुत्तों को भी ले आते हैं, उनको भी टहलाते हैं जरा मौका पाकर ही वह कुत्ते  भाग जाते हैं। उसके बाद किसी को भी जाकर काट लेते हैं। इतना ही नहीं बहुत से लोग कुत्तों को लेकर कारों में ले घूमते हैं। पालिका को अभियान चलाकर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना चाहिए।

शहर में कई स्थानों पर लोग करते कारोबार
शहर भर के कई मोहल्लों में लोग बिना लाइसेंस के कुत्तों को पालन का काम करते हैं। हर पिल्ले की अलग-अलग कीमत होती है। वह लोग चोरी छिपे किसी को भी घर के आसपास बुलाकर बेच देते हैं। पिल्ले की कीमत 10 हजार से लेकर 30 हजार तक होती है पिल्ले की वैरायटी के साथ कीमत बढ़ती जाती है।

पिटबुल दो  लोगों को बना चुके अपना शिकार
केस-1
कोतवाली थाना  क्षेत्र के रहने वाले  फर्राशान के रहने वाले आठ साल के बालक के पिटबुल ने उसको काटकर घायल कर दिया था। जहां उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा। इस मामले में कुत्ते मालिक पर मुकदमा दर्ज हो गया है।

केस- 2
मिलक थाना क्षेत्र निवासी एक भाजपा नेत्री  के घर में पल रहे पिटबुल ने किशोरी के ऊपर जुलाई में हमला करके उसको घायल कर दिया था। जहां उसका इलाज करवाया गया था।

नगर पालिका में किसी भी वैरायटी के कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रख है।- दुर्गेश्वर त्रिपाठी,ईओ पालिका

 कुतों को पालने का रिकार्ड नगर पालिका के  पास होगा। हमारे पास कुत्तों का रिकार्ड नहीं रखा जाता।- डॉ.महेश कौशिक,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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