सुलतानपुर: पारिवारिक लाभ के लिए भटक रहे 542 लाभार्थी, प्रशासन के आर्थिक मदद के दावे साबित हो रहे बेमानी!

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Published By Sachin Sharma
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परिवार के मुखिया की आकस्मिक मौत पर सरकार देती है पारिवारिक लाभ, धनाभाव बताया जा रहा है कारण 

सुलतानपुर, अमृत विचार। परिवार के मुखिया की मौत से हुए घाव पर मरहम लगाने के लिए सरकार की ओर से पारिवारिक लाभ दिया जाता है, लेकिन पारिवारिक लाभ योजना के तहत आवेदन करने वाले लाभार्थी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बावजूद गाइड लाइन के मुताबिक 45 दिन के अंदर आर्थिक मदद के दावे बेमानी साबित हो रहे हैं। सत्यापन कार्य में तेजी नहीं है, जिससे कई महीनों से लाभार्थियों के आवेदन लंबित चल रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पारिवारिक लाभ योजना के तहत परिवार के कमाऊ सदस्य की आकस्मिक मृत्यु होने पर आश्रित को 30 हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है। ऑनलाइन प्रक्रिया होने से आवेदन करने पर फार्म पहले संबंधित तहसील के एसडीएम कोड पर फीड होता है। जिसके बाद से 45 दिन के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी कर पात्रों को आर्थिक मदद दी जाती है। शासनादेश के मुताबिक समय सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है। बल्कि, नियम कायदे की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं। 

कागज़ों में समाज कल्याण विभाग के मुताबिक एसडीएम स्तर पर जांच के बाद स्वीकृत लाभार्थियों को एक महीने के अंदर धनराशि ट्रांसफर कर दी जाती है, जबकि हकीकत यह है कि एसडीएम  स्तर से सत्यापित हुए 542 आवेदन समाज कल्याण मे पेंडिंग पड़े हुए हैं। वहीं तमाम आवेदनों की तहसील स्तर पर ही समय से जांच नहीं हो पा रही है। इससे लाभार्थियों को 45 दिन के अंदर लाभ देना संभव नहीं हो पा रहा है।

तहसीलो से वेरिफाई होकर आए 542 परिवारिक लाभ के आवेदन धन न होने के चलते पेंडिग पड़े हैं। जो वित्तीय वर्ष 2022-2023 व 2023-2024 के है। धन की डिमांड की गई है। पैसा आते हैं लाभार्थियों के खाते में भेज दिया जायेगा।

                                                                                        अमित कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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