गोंडा: काला नमक चावल निर्यात के लिए देवीपाटन मंडल को मिला जीआई टैग

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Published By Deepak Mishra
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विदेश में काला नमक चावल के निर्यात के लिए लाइसेंस जरूरी, बिना लाइसेंस हो सकती है कार्रवाई

गोंडा, अमृत विचार। यदि आप काला नमक धान की खेती कर विदेश में निर्यात कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको अधिकृत उपयोगकर्ता का लाइसेंस लेना होगा। जीआई टैग प्राप्त काला नमक चावल को विदेश में निर्यात के लिए लाइसेंस जरूरी है। बिना इसमें पंजीकरण कराये निर्यातक नहीं बन सकते हैं। यदि पंजीकरण नहीं है और कोई विदेश काला नमक भेज रहा है तो वह कानूनी कारवाई की जद मे आ सकता है।

पूरे प्रदेश में 13 कृषि उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है। जिनमें से देवीपाटन मंडल को काला नमक धान का जीआई टैग मिला है। गोंडा जिले के 36 किसान काला नमक धान की खेती करते हैं और इन्होंने अधिकृत उपयोगकर्ता का लाइसेंस भी ले रखा है। नियम के मुताबिक यही 36 लोग अपने काला नमक चावल को विदेश भेज सकते हैं।

उनके अलावा कोई भी बिना अधिकृत यूजर का प्रमाण पत्र लिए बिना काला नमक चावल का निर्यात विदेश में नहीं कर सकता हैं। यदि लोग ऐसा करते हैं तो यह अवैध है। अफसरों का कहना है कि बिना लाइसेंस काला नमक चावल का निर्यात करने वाले व्यापारियों को चिन्हित किया जा रहा है।  जल्द ही ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। 

इस तरह लिया जा सकता है लाइसेंस

काला नमक चावल निर्यात के लिए जीआई टैग और लाइसेंस लेने की प्रक्रिया अत्यंत सरल है। काला नमक चावल के अधिकृत यूजर का लाइसेंस लेने के लिए किसान को बहराइच रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी में कृषि विपणन विभाग के बने कार्यालय में जाकर मात्र ₹10 का शुल्क देकर 10 साल के लिए प्रमाण पत्र लेना है। जब पंजीयन हो जाएगा और प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो वह किसान अधिकृत यूजर बनकर चावल को विदेश में भेज सकेगा। पंजीयन हो जाने के बाद जो वेबसाइट है, उसपर किसान का नाम पता रहेगा।

जिससे विदेशी के लोग काला नमक चावल खरीदने के लिए संपर्क कर लेंगे और स्थानीय किसान अपनी उपज को आसानी से बेच सकेगा। कृषि विपणन विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि किसान को आधार कार्ड, खतौनी व शुल्क देना है उसके बाद विभाग अपने स्तर से प्रयास कर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेते हुए पंजीयन कर देगा। इसके बाद अधिकृत यूजर बन किसान काला नमक चावल को विदेश भेजने के लिए अधिकृत हो जाएगा। 

जीआई टैग प्राप्त काला नमक चावल मंडल से अभी बहुत कम ही निर्यात हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीआई टैग को एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा जाता है। जब किसान को इस ट्रेडमार्क के तहत निर्यात का अधिकृत उपयोगकर्ता का लाइसेंस मिल जाएगा तो उसे लाभकारी मूल़्य मिलना निश्चित है।

अधिकृत यूजर के पंजीयन के बाद कोई व्यक्ति अथवा किसान अपने जीआई टैग के उत्पादन का निर्यात कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकता है। पंजीयन के लिए आधार कार्ड खतौनी की आवश्यकता है। ₹10 शुल्क के रूप में जमा होता है और 10 साल के लिए पंजीयन हो जाएगा। अधिकृत यूजर का लाइसेंस मिल जाएगा..., अशोक वर्मा,  सहायक कृषि विपणन अधिकारी।

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