loksabha election 2024: अब तक बाहरी उम्मीदवार ही सुलतानपुर में खिला सके ‘कमल‘

स्थानीय उम्मीदवारों की हुई है जमानत जब्त

loksabha election 2024: अब तक बाहरी उम्मीदवार ही सुलतानपुर में खिला सके ‘कमल‘

अजय कुमार पांडेय/ सुलतानपुर/ अमृत विचार। सुलतानपुर लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय उम्मीदवारों पर बाहरी प्रत्याशी भारी पड़े है। बाहरी प्रत्याशियों ने जहां यहां पर कमल खिलाया है, वहीं स्थानीय प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा सके है। इस बार भी भाजपा की जारी दो सूची में सुलतानपुर सीट से उम्मीदवार का नाम न होने से चर्चाओं का बाजार गर्म है। यहां अभी मेनका संजय गांधी भाजपा की सांसद है।

सुलतानपुर लोकसभा सीट अधिकतर कांग्रेस के ही पास रही, हालांकि, इस बार उसका प्रत्याशी यहां नहीं है। इंडिया गठबंधन में सपा के पाले में यह सीट गई है। भगवा बिग्रेड की बात करे तो 1991 में पहली सफलता अयोध्या के संत विश्वनाथ दास शास्त्री ने जीत दिलाई थी और यहां पर भाजपा का खाता खुला था। शास्त्री को 1,73,485 और निकटतम प्रतिद्वंदी जनता दल के राम सिंह को 64,529 वोट मिले थे। 1996 और 1998 में भाजपा के उम्मीदवार बाबरी ध्वंस के समय फैजाबाद के पुलिस अधीक्षक रहे देवेंद्र बहादुर राय (डीबी राय) थे। 1996 में राय को 2,38,843 और निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के कमरुज्जमा फौजी को 1,20,559 वोट मिले। 1998 में राय को 2,69,9510 और डा. रीता बहुगुणा जोशी सपा के वोट 2,05,5030 थे।

1999 में भाजपा बिना लड़े ही मैदान के बाहर हो गई थी। उसके प्रत्याशी सत्यदेव सिंह (गोंडा) समय से नामांकन नहीं दाखिल कर सके थे। इस चुनाव में सुलतानपुर लोकसभा सीट पर बसपा से जयभद्र सिंह निर्वाचित हुए। 2004 और 2009 में भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवारों को अवसर दिया। दोनों ही बार पार्टी चौथे स्थान पर रही। 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार डा. वीणा पांडेय पर भरोसा दिखाया तो वह 91,328 मत ही पा सकी। वहीं, बसपा के मो. ताहिर खान ने 2,61,564 मत पाकर दोबारा सुलतानपुर लोक सभा सीट बसपा के झोली में डाल दिया। 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर स्थानीय उम्मीदवार सूर्यभान सिंह को टिकट दिया। सूर्यभान सिंह 44,425 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे और जमानत जब्त हो गई। वहीं कांग्रेस के डा संजय सिंह 3,00,411 मत पाकर एक बार फ़िर यह सीट कांग्रेस के झोली में डाल दी।

2014 और 2019 में भाजपा की कामयाबी बाहरी उम्मीदवारों के जरिए मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर पैराशूट उम्मीदवार वरुण गांधी को प्रत्याशी बनाया। वरुण गांधी 4,10,348 मत पाकर बसपा के पवन कुमार पांडेय को 1,78,902 मतों से हरा सुलतानपुर की सीट भाजपा के खाते में डाल दी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बिना कोई गलती किए मेनका संजय गांधी को प्रत्याशी बनाया। मेनका संजय गांधी 4,59,196 मत पाकर सपा समर्थित बसपा प्रत्याशी चंद्र भद्र सिंह को 14,526 मतों से हरा सीट भाजपा के खाते में डाल दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव देखना यह दिलचस्प होगा कि भाजपा स्थानीय उम्मीदवार पर भरोसा जताती है या फिर से पैराशूट उम्मीदवार घोषित करती है।

ये भी पढ़ें -Exclusive: अजय कपूर के करीबी छह पार्षद बोलेंगे जय श्रीराम; अंदर खाने स्क्रिप्ट हुई तय, जगह और समय का चुनाव बाकी