बरेली: गांव-गांव कृत्रिम गर्भधान करेगा IVRI, मोबाइल वैन के जरिये किसानों की चौखट पर पहुंचेगी टीम

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के वैज्ञानिक उन्नत किस्म के दुधारू पशुओं को ग्रामीण क्षेत्र में विकसित करेंगे। इसके लिए गांव-गांव पहुंचकर कृत्रिम गर्भधान किया जाएगा। इस संबंध में गुरुवार को संस्थान ने पुणे की जीनस ब्रीडिंग इंडिया कंपनी के बीच सीएसआर के तहत अनुबंध किया। अनुबंध के तहत आईवीआरआई को मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह मोबाइल वैन प्रशिक्षित स्टाफ, वैज्ञानिक और कृत्रिम गर्भधान के लिए आवश्यक उपकरण से लैस रहेगी।

लंबे समय से केंद्र सरकार की ओर से कृत्रिम गर्भधान से उन्नत किस्म के दुधारु पशुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में मोबाइल पशु वैन को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजकर कृत्रिम गर्भधान किया जाएगा। संस्थान के निदेशक डाॅ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि पुणे की यह कंपनी उच्च स्तर स्तर के सीमन को तैयार करती है। 

कृत्रिम गर्भधान में आवश्यक उपकरण जैसे तरल नाइट्रोजन क्रायोकैन, थाविंग यूनिट, सिंक्रोनाइजेशन किट आदि मोबाइल वैन में मौजूद रहेगी। किसानों के घर तक पहुंचकर कृत्रिम गर्भधान के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए संस्थान को 27.29 लाख रुपये का बजट जारी किया जाएगा। संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी, डाॅ. एमएच खान, डाॅ. बृजेश कुमार, डा. नीरज श्रीवास्तव, डा. एमके पात्रा, डाॅ. अनुज चौहान आदि मौजूद रहे।

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