पीलीभीत: एसीएमओ की छापेमारी में उजागर हुईं कई अस्पतालों में खामियां, सात को नोटिस

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Published By Moazzam Beg
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पीलीभीत, अमृत विचार। लगातार मिली रही झोलाछाप और पंजीकृत अस्पतालों में असुविधा की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ ने टीम के साथ छापेमारी की। कई अस्पतालों में छापा मारा और अव्यवस्थाएं पकड़ीं। कुछ जगह अस्पतालों में मरीज भर्ती थे, लेकिन उन्हें देखने के लिए डॉक्टर नहीं थे।  

बायो मेडिकल बेस्ट, पंजीकृत डॉक्टर के नाम पर दूसरा डॉक्टर और अन्य सुविधाएं बदहाल मिली। एक फार्मासिस्ट के अस्पताल में भी गलत तरीके से प्रसव के केस होते पाए गए। इस पर एसीएमओ फार्मासिस्ट के अस्पताल संचालक और अन्य को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर  अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। छापेमारी का शोर मचते ही झोलाछाप दुकान बंद कर भाग गए।

एसीएमओ डॉ. एसके सिंह  शनिवार दोपहर बाद माधोटांडा में टीम के साथ माही हॉस्पिटल, नेशनल हॉस्पिटल और एएस डेंटल केयर पर छापा मारा। यहां तमाम अव्यवस्थाएं मिली। हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट की सुविधा न होना, मरीजों के लिए बेड की सुविधा पर्याप्त नहीं मिली। मरीज भर्ती होने के बाद भी बोर्ड पर पंजीकृत डॉक्टर के न मिलने पर एसीएमओ ने नोटिस जारी कर अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।  

इसके बाद पूरनपुर के माइशा चाइल्ड केयर क्लीनिक, पूजा क्लीनिक, लाइफ लाइन पैथालॉजी और विशाल पैथोलॉजी लैब में छापेमारी की। बताते हैं कि इनमें एक अस्पताल का संचालन पूरनपुर क्षेत्र में कार्यरत एक फार्मासिस्ट के द्वारा कराया जा रहा है। जबकि यह क्लीनिक आयुवेर्दिक में पंजीकृत हैं। 

इसके बाद भी यहां पर महिला के प्रसव आदि कराए जाने की बात सामने आई। डॉक्टर भी नदारद थे। स्टाफ ने किराये पर भवन होने की बात कही। साथ ही अस्पताल में स्टाफ की जानकारी भी सीएमओ कार्यालय में अपडेट नहीं कराई गई थी। इस पर नोटिस देकर डॉक्टर के साथ अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहीं लैब में की गई छापेमारी में बायो मेडिकल बेस्ट और अभिलेख प्रस्तुत न करने पर उन्हें नोटिस दिया गया हैं।

अस्पतालों को लेकर लगातार शिकायतें मिली रही थी। छापामार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। कई अस्पतालों में मानक पूरे नहीं थे। किसी के अभिलेख अधूरे मिलने के अलावा डॉक्टर पंजीकृत नहीं पाए गए थे। सभी को नोटिस दिया गया है। जवाब आने पर अभिलेखों की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ

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