वृद्ध का अनुभव किसी भी राष्ट्र की धरोहर, आज भौतिकतावादी जीवन के कारण बुजुर्गों की स्थिति चिंतनीय: पांडेय 

केएनआई के समाजशास्त्र के विद्यार्थियों ने वृद्धाश्रम का किया भ्रमण 

वृद्ध का अनुभव किसी भी राष्ट्र की धरोहर, आज भौतिकतावादी जीवन के कारण बुजुर्गों की स्थिति चिंतनीय: पांडेय 

सुलतानपुर, अमृत विचार। कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान के समाजशास्त्र विषय के विद्यार्थियों ने आनंद भवन वृद्धा आश्रम पयागीपुर में बुधवार को भ्रमण किया। विभागाध्यक्ष डा. कुलदीपक पांडेय ने कहा कि वृद्ध का अनुभव किसी भी राष्ट्र और समाज की धरोहर होता है। लेकिन आज पारिवारिक विघटन एवं भौतिकतावादी जीवन के कारण सभी वर्गों के परिवारों में वृद्धों की स्थिति बड़ी चिंतनीय है। दुखद है कि भारतीय परिवारों का अनुभव जन्य व्यक्तित्व आज वृद्धआश्रमों के सहारे जीवन काटने हेतु मजबूर हैं। 

वृद्धाआश्रम के संचालक विष्णु कुमार शर्मा ने कहा कि ये वृद्ध समाज में अपनों के द्वारा तिरस्कृत हैं, लेकिन मेरी यह जिम्मेदारी है कि मैं यहां हर एक वृद्ध का हर सम्भव संरक्षण प्रदान करूं। इस दौरान डॉ नीरज सिंह ने वृद्धांे को परंपरा का निर्वाहक बताया। वहीं, डॉ नीतू सिंह ने जीवन में मां-बाप के अभाव की पीड़ा पर प्रकाश डाला। रेशमा शुक्ला, अंजली सोनी और तृप्ति अग्रहिर द्वारा संगीत भी प्रस्तुत किया गया।

केएनआई समाजशास्त्र विभाग की तरफ से वृद्धजनों को होली और रमजान के पावन अवसर पर फल, मिठाई, खाद्य पदार्थ आदि उपहार स्वरूप दिया गया। कार्यक्रम सफलता हेतु संस्थान प्राचार्य प्रो आलोक कुमार सिंह एवं उपप्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने प्रशंसा करते हुए कहा कि समाजशास्त्र के विद्यार्थियों द्वारा किया कार्य संस्थान के लिए को गौरवपूर्ण और समाज के लिए प्रेरक है। वृद्धा आश्रम भ्रमण में फरहीन, आर्मीन, नीलू, आकांक्षा, अनुपा, काजल, कमरुद्दीन, जयभद्र, अमन, सौरभ, सत्यम आदि रहे। 

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