बरेली: चुनाव से ज्यादा गर्म IPL का सट्टा बाजार, शहर में ही ढाई हजार से ज्यादा एजेंट

बरेली: चुनाव से ज्यादा गर्म IPL का सट्टा बाजार, शहर में ही ढाई हजार से ज्यादा एजेंट

DEMO IMAGE

ओमेंद्र सिंह, बरेली: चुनाव से ज्यादा सरगर्मी फिलहाल सट्टा बाजार में है। सटोरियों के बीच ही खबर है कि आईपीएल पर जिले में रोज 70 से 80 करोड़ तक का सट्टा लग रहा है। यह खेल यहां फिलहाल कासगंज और रामनगर से संचालित हो रहा है। सट्टा लगाने वालों में भारी संख्या आम लोगों के साथ दुकानदार, व्यापारी और छात्र-छात्राओं तक की है। जिले का कोई इलाका ऐसा नहीं है कि जहां सट्टा बुक करने के लिए एजेंट काम न कर रहे हों।

किसी जमाने में सट्टा पर्चियों के जरिए लगता था लेकिन अब मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है। जहां चाहे बैठकर सट्टा लगाया जा सके, इसके लिए कई वेबसाइट और एप भी लांच कर दिए गए हैं। खाईबाड़ी करने वाले एक-एक एजेंट पर 10 से 15 तक मोबाइल फोन रहते है जिनका इस्तेमाल वे सट्टे के दांव लगाने के लिए करते हैं। सट्टा बुक करने के लिए हर एजेंट की अलग आईडी है। हर आईडी की लिमिट भी तय है। सट्टे के इस पूरे कारोबार पर कासगंज और रामनगर में बैठे मेन बुकी पूरी नजर रखते हैं।

शहर के सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, बारादरी, प्रेमनगर, इज्जतनगर, किला और कैंट समेत गिने-चुने इलाकों में ही एजेंटों की संख्या ढाई हजार से ज्यादा बताई जा रही है। एक-एक एजेंट रोज लाखों का सट्टा बुक कर रहा है। उधर, पुलिस भी लगातार सट्टे के इस कारोबार पर नजर होने का दावा कर रही है। काफी समय से सटोरियों पर बड़ी कार्रवाई करने का भी दावा किया जा रहा है लेकिन अब तक कहीं कोई कार्रवाई होने की सुगबुगाहट तक नहीं है।

आईडी और पासवर्ड से खुलती है सट्टे की लाइन
सट्टे के बुकी ने शहर के साथ कस्बों में भी अपने एजेंटों को लाइन दे रखी हैं जो आईडी और पासवर्ड से खुलती हैं। नए-नए तरीकों से ये बुकी एप और वेबसाइट के जरिए इस कारोबार को चलाते हैं ताकि पुलिस उन तक आसानी से न पहुंच सके। पुलिस का कहना है कि उसने सट्टेबाजों के इस नेटवर्क का तोड़ निकाल लिया है और अब जल्द कार्रवाई की जाएगी।

सट्टा लगाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल
किसी भी मैच पर सट्टा लगाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। इसे सट्टा लगाने और लगवाने वाले ही समझ पाते हैं। इस कोडवर्ड को तोड़ना पुलिस के लिए चुनौती रहता है। सट्टा खेलने वाले को फंटर और खिलाने वाले को बुकी कहा जाता है। मैंने चवन्नी खा ली है, डिब्बे की आवाज कितनी है, तेरे पास कितनी लाइन है, लाइन को लंबी पारी चाहिए जैसे कोडवर्ड भी इस्तेमाल किए जाते हैं। दांव लगाने के लिए खिलाड़ियों के नाम के भी अलग-अलग कोडवर्ड बनाए हुए हैं।

यह भी पढ़ें- बरेली: एक या दो नहीं कई तरीके के हैं बाजार में बैंगन, वैरायटी देख चकरा जाएगा सिर