अयोध्या: बारगाहे इलाही में दुआ को उठे हाथ, गुनाहों से की तौबा

अयोध्या: बारगाहे इलाही में दुआ को उठे हाथ, गुनाहों से की तौबा

अयोध्या,अमृत विचार। पाक रमजान के मुकद्दस महीने के आखिरी जुमे की नमाज शुक्रवार को मगफरत और गुनाहों की तौबा के साथ अदा की गई। मस्जिदों में उमड़े रोजेदारों ने मुल्क में अमन-चैन की दुआओं के साथ नम आंखों से मारे-रमजान के अंतिम शुक्रवार की नमाज अदा की। इस दौरान नगर समेत जिले भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात मजिस्ट्रेट सुबह से दोपहर बाद तक अपने - अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहे।

रमजान के आखिरी जुमे की नमाज को लेकर नगर क्षेत्र की 67 और ग्रामीण इलाकों की दो हजार से अधिक मस्जिदों में बड़ी संख्या में रोजेदार उमड़ पड़े। नमाजियों की संख्या को लेकर कई मस्जिदों में बीस से पच्चीस सफों का इंतजाम किया गया। गुरुवार शाम से ही सभी मस्जिदों के इर्द-गिर्द सफाई और चूना छिड़काव किया गया था।

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शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे से विभिन्न मस्जिदों में रोजेदार नमाजियों की भीड़ जुटने लगी थी। शहर की प्रमुख जामा मस्जिद टाटशाह में शहर काजी हजरत मुफ्ती शमशुल कमर कादिरी ने जुमातुल अलविदा की नमाज अदा कराई। इस मौके पर अपने इमामी खुतबें में मुफ्ती ने कहा कि इस्लाम में सभी मज़हबों के लिए सम्मान है, कोई ऐसा काम न करे जिससे किसी भी मजहब के भाई को ठेस न पहुंचे। उन्होंने कहा कि पाक रमजान वह मुकददस महीना है जिसमें खुदा पाक अपने बंदों से नजदीक होता है।

उन्होंने कहा कि गरीबों और जरुरतमंदों की मदद कीजिए, जिनके पास ईद के लिए सामान नहीं हैं उन्हें खुशियां दीजिए। उन्होंने कहा कि अल्लाह तभी राजी होगा जब आप दूसरों के लिए आगे बढ़ेंगे। नमाज के बाद रोजेदारों ने गुनाहों से तौबा करते हुए बारगाहे इलाही में मगफरत तलब की। वहीं शिया जामा मस्जिद इमामबाड़ा जवाहर अली खां में पेश इमाम प्रख्यात मौलाना अहमद अली आब्दी ने नमाज अदा कराई।

उन्होंने अपने बयान में कहा अस्ल इबादत एक से बढ़कर एक रोजा अफ्तार और ईद में खरीदारी नहीं बल्कि आसपड़ोस और मिसकीनों की हर तरह से मदद करना है। उन्होंने कहा रमजान का महीना रुखसत हो रहा है लेकिन इस दौरान जो अमल और अहद किए हैं उन्हें अमल में लाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारे नौजवान कौम का सरमाया हैं, आप दस बीघा जमीन खरीद कर एक नेक नौजवान नहीं दे सकते लेकिन एक नौजवान दस बीघा जमीन खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि अब एकताफ का दौर है इसलिए मस्जिदों में आईए और एकताफ कीजिए ताकि आईदा जिंदगी गुनाहों में न गुजरे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अलविदा की नमाज सकुशल अदा की गई। सभी जगह पुलिस और प्रशासन की ओर से नामित अधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहे।

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