रुद्रपुर: आखिर कौन है राशन माफिया, नाम बदलकर क्यों ले रखी है दुकानें

रुद्रपुर: आखिर कौन है राशन माफिया, नाम बदलकर क्यों ले रखी है दुकानें

रुद्रपुर, अमृत विचार। सरकारी सस्ता गल्ला राशन वितरण प्रणाली में धांधली प्रकरण का मामला सामने आने के बाद अब जिला पूर्ति विभाग की जांच टीम उस राशन माफिया को भी चिह्नित करने की कोशिश कर रही है।

जिसने लोगों के दस्तावेज लेकर जिले की सबसे ज्यादा सस्ता गल्ला दुकानों पर कब्जा किया हुआ है और सरकारी राशन को राइस मिलों को पहुंचा कर मोटा मुनाफा कमा रहा है। जिसकी गोपनीय शिकायत पूर्ति विभाग से भी की जा चुकी है। इसके बाद जांच टीम ने जिले की दुकान आवंटन प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी है।

बताते चलें कि गुरुवार को शिकायती पत्रों के आधार पर जब पूर्ति विभाग की टीम ने रंपुरा बस्ती स्थित सस्ता गल्ला की दुकान पर छापा मारा तो राशन वितरण प्रणाली में धांधली का खेल पकड़ा गया।

वहीं धांधली प्रकरण में एक ऐसे माफिया का भी नाम सामने आया है जो खुद के नहीं, बल्कि लोगों को कुछ पैसों का प्रलोभन देकर उनके दस्तावेजों के आधार पर सस्ता गल्ला की दुकानों का आवंटन करता है और उसके बाद मनमाने ढंग से राशन वितरण करता है। बताया यह भी जा रहा है कि रुद्रपुर के अलावा जिले में सबसे ज्यादा दुकानें इसी राशन माफिया के लोगों की है। जो सरकारी राशन की गाड़ियों को सीधे दुकानों पर उतारने की बजाए राइस मिलों को पहुंचा रहा है।

आखिर राशन माफिया कौन है। इसकी भनक जिला पूर्ति विभाग को भी है, लेकिन रसूखदार होने के कारण विभाग भी ढुलमुल रवैया अपना रहा है। बावजूद राशन वितरण धांधली और राशन माफिया का नाम सुर्खियों में आने के बाद जिला पूर्ति विभाग की जांच टीम ने राशन माफिया के खिलाफ सबूत एकत्रित करना शुरू कर दिया है और प्रारंभिक पड़ताल में जिले में सस्ता गल्ला की आवंटन होने वाली दुकानों और दुकानों का आवंटन इसके और किसने करवाया है।

इसकी जांच की जा रही है। जांच टीम यह भी जांच कर रही है कि दुकान का आवंटन पाने वाला संचालक या दुकान आवंटन का पात्र धारक है या नहीं। इन सभी पहलुओं पर अपनी जांच कर सात दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट भेजेगी।

पूर्ति निरीक्षक पर भी उठ रहे सवाल

राशन वितरण में धांधली और दुकानों के आवंटन प्रक्रिया में पूर्ति निरीक्षक की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। रंपुरा वार्ड-22 के रहने वाले बिरेश कोली ने जिला पूर्ति अधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में सस्ता गल्ला दुकानों में धांधली होने के साथ ही पूर्ति निरीक्षक की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। आरोप था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी पूर्ति निरीक्षक ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा वार्ड-एक फुलसुंगी ट्रांजिट कैंप निवासी शुभम पाल ने भी इसी प्रकार के प्रकरणों की शिकायत पूर्ति निरीक्षक से की थी। कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी।

राशन वितरण व्यवस्था में धांधली के मामले पकड़े गए। इसके अलावा दूसरों के दस्तावेजों के आधार सबसे ज्यादा सस्ता गल्ला की दुकानों का आवंटन किए जाने का मामला भी संज्ञान में आया है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एआरओ की जांच कमेटी राशन धांधली और दुकानों का आवंटन करने वाला कौन शख्स है। इन सभी बिंदुओं पर जांच कर सप्ताह भर में अपनी रिपोर्ट भेजेगी। इसके बाद डीएम के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-श्याम लाल आर्या, जिला पूर्ति अधिकारी, ऊधमसिंह नगर