SP MLA Irfan Solanki आगजनी मामले में बिंदुओं पर हुई बहस...15 अप्रैल को फैसला आना संभव
कानपुर में इरफान सोलंकी आगजनी मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना संभव
कानपुर, अमृत विचार। शनिवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रहे आगजनी मामले में कोर्ट में पांच बिंदुओं पर बहस हुई।
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से दो और बचाव पक्ष से तीन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली तिथि 15 अप्रैल निर्धारित की, जिसमें फैसला आने की संभावना है। सुनवाई में सपा विधायक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा की झोपड़ी में आगजनी कांड के मामले में आरोपी सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इजरायल आटेवाला, मो. शरीफ की शनिवार को एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में सुनवाई की गई।
इस मामले में बीते चार अप्रैल को फैसला आना था, लेकिन जजमेंट में कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण न होने के कारण न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने फैसला टाल दिया था। उन्होंने सुनवाई की तिथि छह अप्रैल निर्धारित की थी।
शनिवार को मामले में सुनवाई की गई, जिसमें सपा विधायक इरफान की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। वहीं अन्य आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पांच बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें से तीन बचाव पक्ष और दो बिंदुओं पर अभियोजन पक्ष की ओर से अपने तथ्य रखे गए। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने अगली तिथि 15 अप्रैल निर्धारित की है, जिसमें फैसला आने की संभावना है।
नजीर फातिमा ने ये आरोप लगाए थे
पीड़िता नजीर ने आरोप लगाया था कि सात नवंबर 2022 को वह अपने परिवार के साथ भाई की शादी में गई थीं। इस दौरान सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान ने अपने गुर्गों के साथ उनकी झोपड़ी में आग लगा दी थी।
प्लॉट को लेकर दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। आरोप है कि प्लॉट पर कब्जा करने के लिए आग लगाई गई थी, जिसमें उनका टीवी, फ्रिज, सिलेंडर समेत अन्य गृहस्थी का सामान खाक हो गया था।
मामले में पांच बार टल चुका है फैसला
आगजनी मामले में बीते एक मार्च को अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद ट्रायल पूरा हो चुका है। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 14 मार्च की तिथि निर्धारित की थी।
14 मार्च को फैसला टलने के बाद 19, 22, 28 मार्च और फिर चार अप्रैल की तिथियां निर्धारित की गई थी, लेकिन इन तिथियों में भी फैसला नहीं आ सका। चार अप्रैल को कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण न होने की बात कहते हुए छह अप्रैल की तिथि निर्धारित की थी, जिस पर शनिवार को सुनवाई हुई।
18 गवाहों ने कोर्ट में दर्ज कराए हैं बयान
एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि मामले में कांस्टेबल संजीव कुमार, कनीश जेहरा (पीड़िता की बेटी), शमसुल हसन, पीड़िता नजीर फातिमा, मोहम्मद हसन, शाहिना, कांस्टेबल दिलीप कुमार, फायरमैन शशिकांत शर्मा, अकील अहमद खान, शारिक अली बरकाती, डॉ. ओपी राय, डॉ. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव (फोरेंसिक एक्सपर्ट), मो. नसीम आरिफ, दरोगा धर्मेंद्र कुमार, महिला कांस्टेबल पिंकी देवी, तत्कालीन जाजमऊ एसओ अभिषेक शुक्ला, चकेरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे, विष्णु कुमार सैनी ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ गवाही दी है।
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