उन्नाव संसदीय क्षेत्र का 37 वर्षों तक बांगरमऊ ने किया प्रतिनिधित्व; चुने गए इन सांसदों ने पेश की ईमानदारी की मिशाल...

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Published By Deepak Shukla
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उन्नाव, अमृत विचार। बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र ने लगातार 37 वर्षों तक उन्नाव संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त किया है। देश आजाद होने के बाद कराए गए पहले लोकसभा सामान्य निर्वाचन-1952 में भी स्थानीय निवासी विशंभर दयाल त्रिपाठी निर्वाचित होने में सफल रहे थे। खास बात है कि देश के सर्वोच्च सदन के लिए चुने गए सभी सांसद अब तक ईमानदारी के मिशाल माने जा रहे हैं। 

जिले के पहले सांसद विश्वंभर दयालु त्रिपाठी नगर के मोहल्ला महा ब्रम्हनान के निवासी थे। उनकी सादगी के चर्चा वर्तमान तक जारी है। इससे पहले उन्होंने संविधान सभा की प्रारूप कमेटी का सदस्य पद संभाला। जिले के अलग-अलग स्थानों पर उनके द्वारा संचालित इंटर कालेज सहित मुख्यालय स्थित डीएसएन कालेज आज भी शिक्षा की अलख जलाएं हुए हैं। 

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उन्होंने किसानों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक दिलाने के लिए एक लाख किसानों के साथ लखनऊ तक पैदल मार्च कर लोगों पर अपनी पकड़ साबित करने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि वह आजीवन किराए के मकान में रहते रहे और निधन के समय उनकी जेब में एक पैसा नहीं मिला था।

उन्नाव संसदीय क्षेत्र के तीसरे सांसद के तौर पर पूर्व सांसद स्व. त्रिपाठी के पुत्र कृष्ण देव त्रिपाठी चुने गए। सांसद निर्वाचित होने से पहले विदेशी विश्वविद्यालयों से कई डिग्रियां प्राप्त करने वाले जिले के तीसरे सांसद एक महाविद्यालय में प्राचार्य का पद संभाल रहे थे। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्त ने उन्हें लखनऊ बुलाकर जबरन कांग्रेस पार्टी का टिकट थमा चुनाव लड़ने के मजबूर कर दिया था। दो बार सांसद रहने के बावजूद पेंशन की व्यवस्था न होने से आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए उन्हें फिर उरई (जालौन) के एक महाविद्यालय में प्राचार्य पद की नौकरी करने को मजबूर होना पड़ा।

नगर के मोहल्ला पुर्विया टोला निवासी जियाउर्रहमान अंसारी संसदीय क्षेत्र के लिए चौथे सांसद के तौर पर निर्वाचित घोषित हुए। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहते उन्होंने ओपेक देशों से विशेष संबंध बनाए और देश को समृद्धशाली बनाया। वह आल इंडिया मोमिन कांफ्रेंस के चेयरमैन का पद संभालते हुए एकीकरण व परस्परिक सौहार्द बनाए रखने के लिए समर्पित रहे। उन्हें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का निकटस्थ माना जाता रहा। 

जिले के पांचवें सांसद बांगरमऊ के मोहल्ला चौधराना निवासी पूर्व तालुकेदार चौधरी राघवेंद्र सिंह हुए। इमरजेंसी में वह जेल गए और तत्कालीन सरकार को लिखित माफीनामा देने के बजाए इमर्जेंसी समाप्त होने तक जेल में रहे। नगर ही नहीं जिले के संपंन परिवार से होने के बावजूद सांसद कार्यकाल के दौरान दिल्ली में आवंटित सरकारी आवास से लोकसभा भवन तक वह रिक्शा या आटो रिक्शा का इस्तेमाल करते रहे।

उन्नाव संसदीय क्षेत्र के लिए निर्वाचित होते रहे बांगरमऊ निवासी सांसद की सूची। 

1952 में विश्वंभर दयालु त्रिपाठी। 
1957 में दोबारा विश्वंभर दयालु त्रिपाठी।
1962 में कृष्णदेव त्रिपाठी
1967 में कृष्णदेव त्रिपाठी
1971 में जियाउर्रहमान अंसारी 
1977 में चौधरी राघवेंद्र सिंह
1980 में जियाउर रहमान अंसारी
1984 में जियाउर्रहमान अंसारी

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