बाराबंकी: तीन माह में अग्निकांड की 281 घटनाएं, जनवरी से अप्रैल तक जिले भर में उजड़े दर्जनों आशियाने
बाराबंकी, अमृत विचार। जनवरी से अप्रैल माह के बीच जिले भर हुईं 281 अग्निकांड की घटनाओं में दर्जनों आशियानों का वजूद मिट चुका है। यहां तक एक वृद्ध महिला भी जिंदा जल गई।अग्निकांड की सबसे अधिक घटनाएं HT लाइन के तारों से निकली चिंगारी के चलते होना बताया जा रहा है।कई मवेशियों की भी जान जा चुकी है।

तीन माह के अंदर हुई इन घटनाओं में लाखों का नुकसान हुआ है। अग्निकांड की सबसे अधिक घटनाएं नवाबगंज तहसील क्षेत्र में हुई है। अग्निशमन विभाग का मानना है कि अग्निकांड को लेकर होने वाली घटनाओं का समय अब खत्म हो चुका है क्योंकि गेहूं की कटान लगभग हो चुकी है।

खेतों में अब मेंथा की फसल लग रही है ऐसे में खेतों में नमी है लेकिन विभागीय आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से अप्रैल माह के बीच जिले भर में अग्निकांड की 281 घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे अधिक घटनाएं गेहूं की लगी तैयार फसल या कटाई के बाद खेतों में लगे गेहूं के डंठल में हाईटेंशन तार की चिंगारी गिरने से हुई है।
इसके बाद गांवों में छप्परनुमा घरों में लापरवाही या फिर अज्ञात कारणों से लगी आग से हुआ नुकसान शामिल है। विभाग का दावा है कि मई माह से अग्निकांड की घटनाओं पर लगभग विराम लग गया है। तीन माह के अंदर जिस प्रकार से घटनाएं हुई हैं उस हिसाब से अब ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। जिले में सबसे अधिक अग्निकांड की घटनाएं नवाबगंज तहसील क्षेत्र होना बताया गया है।
जबकि सबसे कम घटनाएं रामनगर तहसील क्षेत्र में हुई हैं। इन घटनाओं में हजारों बीघे गेहूं की फसल पलभर में जलकर राख हो गई। इससे लाखों रुपयों का नुकसान ग्रामीणों को हुआ है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राम प्रकाश ने बताया कि तीन माह में पौने तीन सौ से अधिक अग्निकांड की घटनाएं हुई है। अब आग लगने जैसी घटनाओं का समय लगभग खत्म हो गया है।
जिंदा जली 102 वर्षीय वृद्धा
दरियाबाद कोतवाली क्षेत्र के बड़नपुर गांव में बीते पांच अप्रैल को छप्परनुमा घर में आग लगने से उसके अंदर मौजूद खुशीराम की पत्नी धीराजा (102) की जल कर मौत हो गई थी। अग्निकांड इस घटना के समय वृद्धा बीमार चल रही थी। उस समय पति और दो बेटे घर पर नहीं थे। मौके पर एसडीएम और सीओ भी पहुंचे थे और मृतका की जिंदा जलकर हुई दर्दनाक मौत की लिखा पढ़ी की थी लेकिन अभी तक परिवार को कोई मुआवजा मिलने की बात सामने नहीं आई है। वहीं कई अन्य लोग अग्निकांड की घटनाओं में झुलस भी चुके हैं।
तहसील---घटनाओं की संख्या
नवाबगंज-- 91
हैदरगढ़-- 63
आरएसघाट-- 50
फतेहपुर-- 31
सि.गौसपुर-- 24
रामनगर-- २२
जमीदो़ज हो गए वॉटर टैंक वॉल्ब
शहर के धनोखर चौराहे पर लगा वॉटर टैंक वॉल्ब अब यहां से गायब हो चुका है। यह हाल तब है कि जब शहर के अंदर एक नहीं दो बार अग्निकांड की दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। कई सालों पहले प्रतिष्ठित सीमा रेडियोज के प्रतिष्ठान पर भीषण आग लगने से लाखों का माल जलकर राख हो गया था। इसके कई साल बाद जैन गार्मेंट्स की दुकान भी आग लगने से लाखों रुपये के कपड़े जलकर कर राख हो गए थे। इन दोंनो घटनाओं में फायरकर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
आज की बात करें तो इस समय धनोखर से लेकर दर्पण टॉकिज तक दोनों ओर इस कदम अतिक्रमण फैला है कि आग लगने की सूचना के बाद भी दमकल वाहन का कम समय में मौके पर पहुंचना आसान नहीं है। इसके अलावा नगर पालिका के बगल बना नलकूप भी अतिक्रमणकारियों ने प्रशासन और सफेदपोश से मिलीभगत करके गायब ही करवा दिया है।
