Kanpur: भाजपा राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस को बताया कातिलों की पार्टी, बोले- कांग्रेस को वोट देना पाप के बराबर

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Published By Deepak Shukla
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कांग्रेस-सपा पर निशाना, सैम पित्रोदा के बयान पर भी बरसे

कानपुर, अमृत विचार। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस कातिलों की पार्टी है। कांग्रेस ने कानपुर में सिखों को गले में टायर डालकर जिंदा जलाया है। यह वही कांग्रेस है जिसने 22 सिख परिवारों को नानकमत्ता से आ रही बस से निकालकर उनको आतंकी घोषित कर एनकाउंटर करने का पाप किया था। अगर कोई सिख कांग्रेस को वोट करता है तो यह पाप होगा। 

भाजपा के मीडिया सेंटर फजलगंज में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोई भी सिख सपने में भी वोट डालने की कल्पना नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री मादी ने उन्हीं कातिलों को जेल में डालकर सिखों को न्याय देने व उनको सुरक्षा देने का काम किया। 1984 में हुए दंगों में कत्लेआम करने वाले लोगों को प्रदेश की योगी सरकार ने एसआईटी टीम से जांच करा कर दोषियों को जेल भेजने का काम किया। 

पीएम मोदी ने सिखों को करतारपुर जैसे पवित्र स्थान पर बिना वीजा के जाने का इंतजाम किया है। पीएम ने देश को अकबर, औरंगजेब और बाबर का न कहकर  गुरुनानक, तेजबहादुर और गुरुगोविंद सिंह का बताया है। सपा ने मरने वाले 22 सिखों को आतंकी घोषित किया। इसलिये सपा को वोट देने का मतलब कांग्रेस को वोट देना है।

सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेसियों से प्रेरित

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सैम पित्रोदा ने जिस तरह से हम भारतवासियों को चीनी, अरबी, अफ्रीकन, काले और गोरे कहा है, यह परिभाषा कांग्रेस पार्टी की हो सकती है क्योंकि कांग्रेस पार्टी का जन्म इटली से हुआ है। कानपुर में होने वाली अखिलेश और राहुल की जनसभा पर बोला कि दो शहजादों नहीं, तीन शहजादों को मिला दो। जीरो से जीरो को जोड़ने से जीरो ही आता है। माइक्रो माइनॉरिटी पर उन्होंने कहा कि यह उनका अधिकार है। 

सिखों को इससे लाभ मिलेगा। अल्पसंख्यक तो बहुत हैं। कानपुर में प्रधानमंत्री जी से इसकी मांग की गई है, यह सही है। अंबानी और अडानी से कांग्रेस को चंदा के मामले में उन्होंने कहा कि इसका जवाब पीएम मोदी ही दे सकते हैं। इस मौके पर जिला अध्यक्ष दीपू पांडे, अनूप अवस्थी, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, सरदार जसबीर सिंह, अमरजीत सिंह पम्मी, मुकेश भाटिया, अजीत छाबड़ा रहे।

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