Bareilly news: इस बार स्नातक में दो मेजर विषयों का करना होगा चयन
विश्वविद्यालय ने 15 मई तक विषय पाठ्यक्रम समिति के संयोजक तक पाठ्यक्रम में संशोधन के दिए हैं निर्देश
बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में सत्र 2025-25 में स्नातक में प्रवेश लेने वाले छात्रों को मेजर दो विषयों का चयन करना होगा। विश्वविद्यालय ने करीब एक महीने पहले विषय पाठ्यक्रम समिति के सभी संयोजकों को प्रवेश संबंधी 18 बिंदुओं पर निर्देश जारी किए थे, जिसमें चार वर्षीय स्नातक के तहत 15 मई तक पाठ्यक्रमों में संशोधन करने के निर्देश दिए थे। संशोधित पाठ्यक्रमों को विद्या परिषद ओर कार्य परिषद के अनुमोदन के बाद इस सत्र से लागू किया जाएगा।
इस सत्र में प्रवेश के समय छात्र को कला, विज्ञान या वाणिज्य में से एक संकाय का चयन करना होगा। उसे संकाय के दो मुख्य यानी मेजर विषयों का चयन करना होगा और यह उसका अपना संकाय कहलाएगा, जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष यानी पहले से छठे सेमेस्टर तक कर सकता है। कला और विज्ञान संकायों के विभाजन को कई विषयों के लिए अलग संकाय माना जाएगा लेकिन छात्रों को डिग्री कला संकाय यानी बीए, विज्ञान संकाय यानी बीएससी की ही मिलेगी। इसी तरह से ग्रामीण विज्ञान जो कला संकाय से विभाजित हुआ है, में भी कला संकाय यानी बीए की ही डिग्री मिलेगी।
एक साल बाद ही छात्र विषय परिवर्तन कर सकेगा
छात्रों को विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में विषयों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार विषय परिवर्तन की सुविधा होगी लेकिन वह एक साल के बाद ही विषय परिवर्तित कर सकेगा। वह एक सेमेस्टर के बाद विषय नहीं बदल सकेगा। चार साल की स्नातक मानद और स्नातक मानद शोध सहित के लिए चतुर्थ वर्ष में छात्र को दो मेजर में से एक विषय का चयन करना होगा और पंचम और षष्टम सेमेस्टर में उसी विषय को पढ़ना होगा। तीसरे गौण यानी माइनर विषय का चयन विद्यार्थी अपने संकाय या बहुविषयकता के लिए किसी भी अन्य संकाय से विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में उपलब्धता के आधार पर कर सकता है। छात्र द्वितीय और तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकता है या उसके क्रम में परिवर्तन कर सकता है।
भारतीय या स्थानीय भाषा का सह पाठ्यक्रम अनिवार्य
छात्र को पहले दो साल के प्रत्येक सेमेस्टर में दो क्रेडिट का एक सह पाठ्यक्रम करना अनिवार्य होगा और उसे आठ क्रेडिट अर्जित करने होंगे। तृतीय सेमेस्टर में एक भारतीय या स्थानीय भाषा का सह पाठ्यक्रम अनिवार्य होगा। दो साल के बाद ग्रीष्मावकाश में छात्र अपने चुने हुए दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय से संबंधित तीन क्रेडिट की एक शोध परियोजना करेगा। शोध परियोजना पूरी न होने पर छात्र तृतीय वर्ष के पंचम वर्ष में पूरी करनी होगी। बीए, बीएससी और बीकॉम के पहले छह सेमेस्टर और चतुर्वषीय बहुविषयक स्नातक मानद या मानद शोध सहित यानी बीए, बीएससी और बीकॉम के पहले छह सेमेस्टर का पाठ्यक्रम समान होगा।
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