राष्ट्रीय डेंगू दिवस : मुरादाबाद में तीन साल में मिले 3096 डेंगू संक्रमित रोगी, पर्याप्त नहीं नियंत्रण के उपाय
राष्ट्रीय डेंगू दिवस : हालांकि एलाइजा रिपोर्ट के नाम पर बहुत से मरीजों को विभाग ने नहीं माना डेंगू, समय से जागरूकता अभियान न चलने से लोग डेंगू से बचाव में करते हैं लापरवाही
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में मच्छरों के पनपने पर अंकुश न लगने और डेंगू जागरूकता के उपायों के प्रति गंभीरता न होने से हर साल डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है। तीन साल में सरकारी आंकड़ों में 3096 मरीज डेंगू संक्रमित मिले। हालांकि कई मरीजों की एलाइजा जांच रिपोर्ट न होने के चलते विभाग ने उन्हें डेंगू संक्रमित नहीं माना। जबकि रैपिड टेस्ट में उनमें डेंगू संक्रमण के लक्षण पाए गए थे।
डेंगू-मलेरिया के मरीज हर साल महानगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मिलते हैं। अपने घरों व आसपास पानी जमा न होने देने के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी और विभागों में आपसी समन्वय न होने से हर साल संक्रामक रोगियों की संख्या अधिक बढ़ रही है। जिसमें डेंगू-मलेरिया के रोगी भी बहुत संख्या में मिल रहे हैं। महानगर के कई मोहल्ले नवाबपुरा, असालतपुरा, जामा मस्जिद, चक्कर की मिलक, आशियाना, बुद्धि विहार आदि हाईरिस्क क्षेत्र के रूप में चयनित हैं। इनमें पिछले साल बड़ी संख्या में डेंगू और मलेरिया के रोगी मिले थे। फिर भी नगर निगम की ओर से गंभीरता नहीं दिख रही है।
नगर निगम और न मलेरिया विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मच्छरों पर अंकुश के लिए ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं। इस साल भी अभी तक न तो नियमित फागिंग कराई जा रही है और एंटी लार्वा का छिड़काव। जिसके चलते इन दिनों मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। मच्छरों के काटने से लोगों की रात की नींद उड़ रही है। दिन में भी मच्छर दिख रहे हैं।
क्या हैं डेंगू-मलेरिया के लक्षण
डेंगू की स्थिति में अचानक तेज बुखार आने के साथ सिरदर्द, आंखों में जलन, भूख न लगने की समस्या, मसूड़ों से खून आने और त्वचा पर चकत्ते और दाने निकलने की दिक्कत हो सकती है। वहीं मलेरिया के लक्षण में बुखार के साथ ठंड लगने, उल्टी, सूखी खांसी, पसीना आने और बेहोशी की समस्या है।
डेंगू-मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में नगर निगम व अन्य विभागों के सहयोग से डेंगू नियंत्रण के उपाय किए जाते हैं। डेंगू के लक्षणों और बचाव के बारे में रैली, गोष्ठी आदि के माध्यम से जागरूक किया जाता है। लोगों से अपील है कि वह अपने घर में कूलर का पानी नियमित बदलते रहें। घर की छत पर रखे पुराने टायर, बर्तन आदि को हटा दें। गमले में पानी उचित मात्रा में डालें जिससे वह जमा न हो। इसके अलावा अपने आसपास भी कहीं साफ पानी न जमा होने दें। क्योंकि एडीज मच्छर के लार्वा साफ पानी में ही फैलते हैं।-पीएन यादव, जिला मलेरिया अधिकारी
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