उच्च पदाधिकारियों के खिलाफ जांच में ढिलाई प्रशासनिक विश्वसनीयता को कमजोर करती है :High court 

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अर्ध-न्यायिक अधिकारियों के क्षेत्राधिकार और शक्तियों के प्रयोग के संबंध में अपनी विशेष टिप्पणी में कहा कि कानूनी कार्यवाही के क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की प्राप्ति सर्वोपरि है। सब रजिस्ट्रार के खिलाफ लगाए गए आरोप महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों वाले अधिकारियों से अपेक्षित विश्वास और सत्यनिष्ठा पर आघात करते हैं। यह राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह इन आरोपों की परिश्रमपूर्वक जांच करे और किसी भी गलत काम को संबोधित करने के लिए उचित कार्रवाई करे। कोर्ट ने आगे कहा कि इस न्यायालय में प्रस्तुत हलफनामा अब तक की गई जांच की पर्याप्तता और संपूर्णता के बारे में चिंता पैदा करता है। कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी स्थिति या अधिकार कुछ भी हो, जांच से ऊपर नहीं है या जवाबदेही से मुक्त नहीं है। 

मुख्य रूप से कोर्ट ने कहा कि जिन सरकारी अधिकारियों को कानून बनाए रखने और जनता के हितों की सेवा करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, उनसे ईमानदारी और परिश्रम की उम्मीद की जाती है। सार्वजनिक विश्वास के संरक्षक के रूप में राज्य सरकार को जवाबदेही और पारदर्शिता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए। कदाचार के आरोपों से निपटने में कोई भी ढिलाई या उदासीनता पूरी प्रशासनिक मशीनरी की विश्वसनीयता को कमजोर करती है और सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास को कम करती है। इन्हीं टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने प्रमुख सचिव, स्टाम्प और पंजीकरण, उत्तर प्रदेश सरकार को सब रजिस्ट्रार के खिलाफ शुरू की गई जांच जारी रखने और उसे तार्किक अंत तक लाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि इस आदेश से छह महीने की अवधि के भीतर अपनी जांच पूरी कर कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।                                                                                                  

मौजूदा याचिका में जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर (स्टाम्प), जौनपुर द्वारा पारित 3 फरवरी, 2023 के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि कलेक्टर (स्टाम्प) के पास आदेश वापस लेने या उसकी समीक्षा करने की शक्ति नहीं है। अतः न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ की एकलपीठ ने आक्षेपित आदेश को रद्द करते हुए श्रीमती शिवानी चौरसिया और अन्य की याचिका को अनुमति दे दी।

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