रामपुर: फर्जी शिक्षिका को एक करोड़ रुपये से अधिक का हो गया भुगतान, डीएम की भी अनसुनी
फर्जी शिक्षिका को हुए भुगतान की डिटेल न देने पर लेखा अधिकारी तलब
रामपुर, अमृत विचार। फर्जी शिक्षिका को लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान होने पर जिलाधिकारी जोगिन्दर सिंह के तेवर सख्त हैं। जिलाधिकारी ने शनिवार को फर्जी शिक्षिका को हुए वेतन भुगतान की डिटेल न देने पर लेखा अधिकारी को तलब किया है। शहर के मोहल्ला ऊंची चौपाल स्थित जवाहरलाल जूनियर हाई स्कूल में पिछले दिनों उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता की शिकायत पर ज्ञानेश्वरी नामक महिला फर्जी शिक्षिका के रूप में चिन्हित हुई है।
शिक्षिका द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा मुख्य विकास अधिकारी डा. नंद किशोर कलाल की अध्यक्षता में गठित अपर जिला अधिकारी प्रशासन और डिप्टी कलेक्टर की कमेटी ने किया है। इसके बाद फर्जी शिक्षिका के विरुद्ध थाना सिविल लाइंस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। फर्जी शिक्षिका की नियुक्ति और वेतन भुगतान में वित्त एवं लेखा अधिकारी और उनके कार्यालय सहायक पूर्ण रूप से संलिप्त हैं। लेखाधिकारी द्वारा अभी भी फर्जी शिक्षिका का नाम पोर्टल से डिलीट नहीं किया है। उसे एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार द्वारा पिछले काफी समय से वेतन भुगतान संबंधी अभिलेख विद्यालय से प्राप्त इनपुट, वेतन बिल, टोकन द्वारा जनरेट स्टेटमेंट तथा ट्रेजरी को भेजे गए बिल मांगे हैं। लेकिन लेखा अधिकारी द्वारा आज तक यह अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला अधिकारी को अवगत कराया गया है कि वित्त एवं लेखा अधिकारी द्वारा अभिलेख नहीं दिए जा रहे हैं जिससे जांच में बाधा हो रही है। बीएसए के पत्र का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने वित्त एवं लेखा अधिकारी अशोक कुमार को तलब करते हुए पूछा है कि यह डिटेल क्यों और किन कारणों से नहीं दी जा रही है। दो दिन में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
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