लखीमपुर-खीरी: बाघ ने हमलाकर चारा काटने गए युवक को किया घायल, हालत गंभीर

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Published By Moazzam Beg
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घटना के बाद क्षेत्र में बाघ की दहशत, खेतों की तरफ जाने से कतरा रहे लोग

बाघ की तलाश में कांबिंग करती वन विभाग की टीम

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। पलिया क्षेत्र के गांव पकरिया में पशुओं के लिए चारा लेने गए एक युवक पर झाड़ियों में छिपे बैठे बाघ ने हमलाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल युवक को सीएचसी लाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। 

घटना की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कांबिंग की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। घटना के बाद समूचे क्षेत्र में बाघ की दहशत व्याप्त हो गई है। दुधवा नेशनल पार्क और उसके बफरजोन से जुड़े इलाकों में बाघ, तेंदुआ समेत अन्य हिंसक वन्य जीवों के हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं। 

रविवार को पलिया से करीब सात किलोमीटर दूर गांव लालपुर ढाका के मजरा पकरिया निवासी लल्ला निषाद उर्फ शत्रोहन (35) पुत्र नौलखा प्रसाद खेत में अपने पालतू पशुओं का चारा काटने गया था। जहां पहले से घात लगाए झाड़ियों में बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया और उसे खींचकर ले जाने लगा। लल्ला निषाद की चीख पुकार पर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग शोर मचाते हुए दौड़ पड़े। इस पर बाघ युवक को छोड़कर दूर चला गया। सिर, गले, पीठ व हाथों पर गहरे जख्म होने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 

घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ जुट गई। सूचना पाकर परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए। परिवार वाले घायल लल्ला निषाद को लेकर सीएचसी पलिया पहुंचे, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। 

बाघ के हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने खेतों में कांबिंग की, लेकिन बाघ नजर नहीं आया। वन विभाग की टीम  ने ग्रामीणों को घटनास्थल की ओर न जाने की सलाह दी है और निगरानी में लगी हुई है। बतादें कि दुधवा टाइगर रिजर्व और बफरजोन के जंगलों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक महीने से बाघ-मानव संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

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