बाराबंकी: स्कूलों में बनेंगे किचन गार्डन, खुद की उगाई सब्जी खाएंगे नौनिहाल

2620 परिषदीय स्कूलों में होंगे तैयार, प्रति स्कूल को मिलेंगे पांच-पांच हजार रुपये

बाराबंकी: स्कूलों में बनेंगे किचन गार्डन, खुद की उगाई सब्जी खाएंगे नौनिहाल

रीतेश श्रीवास्तव/बाराबंकी, अमृत विचार। जिले के 1955 और परिषदीय स्कूलों के परिसर में खाली भूमि पर किचन गार्डन तैयार किया जाएगा। स्कूलों के खाते में पांच-पांच हजार रुपये भेजे जाएंगे। इस पैसे को गार्डन स्थापना व रख-रखाव पर खर्च किया जाएगा। क्यारी बनाकर हरी सब्जियां, फल व फूल उगाने के प्रति बच्चों व अभिभावकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। 
एमडीएम में तैयार होने वाले भोजन में इसी किचन गार्डन से ताजी व पोषक युक्त सब्जी बनाई जाएगी। जिससे बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। स्कूल भवनों की मरम्मत कराने के बाद शासन ने मध्यान्ह भोजन योजना के तहत स्कूल में खाली पड़ी भूमि पर किचन गार्डन तैयार कराने की योजना बनाई है। इससे पहले करीब 600 परिषदीय स्कूलों में किचन गार्डन तैयार किया जा चुका है। 

बेसिक शिक्षा विभाग के 2620 परिषदीय स्कूल जिले भर में संचालित हो रहे हैं। इनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक समेत प्राइवेट स्कूल भी शामिल हैं। शासन के निर्देश पर विभाग अपने शत-प्रतिशत स्कूलों में एमडीएम के तहत किचन गार्डन तैयार करने में जुट गया है। पूर्व में करीब 600 परिषदीय स्कूलों में किचन गार्डन तैयार भी किये जा चुका हैं।

अब लोकसभा चुनाव के बाद शेष बचे लगभग 1955 और स्कूलों में खाली पड़ी भूमि में किचन गार्डने बनाने की तैयारी शुरु हो गई है। इसके लिए शासन से मिलने वाले बजट से संबंधित स्कूलों को पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।  विभाग की ओर से बजट की मांग की गई है।

शाासन का मानना है कि विद्यार्थियों में क्यारी बनाकर हरी सब्जियां फल व फूल बोने/ उगाने के प्रति उत्साह बढ़ेगा तो एमडीएम योजना में तैयार होने वाले भोजन में ताजी व पोषक युक्त सब्जी बनने से बच्चों के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। किचन गार्डन तैयार होने से बच्चों को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता व उसमें पाए जाने वाले पोषण तत्वों की जानकारी भी होगी। जानकारी होने के बाद बच्चे घर में भी क्यारी के माध्यम से हरी सब्जियां, फल व फूल का उत्पादन कर सकेंगे।

किचेन गार्डन में होंगे यह कार्य

जिला समन्वयक एमडीएम पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि किचेन गार्डन तैयार करने व सुरक्षित रखने के लिए पौधे गमले में लगाने के साथ खाली पड़ी भूमि पर क्यारी बनाकर लगाए जाएंगे। मां समूह के साथ बच्चों को सुपुर्द करते हुए उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जायद सीजन में भिंडी, पालक, लोबिया, लौकी, करेला, खीरा, कददू, तरबूज, खरबूजा, बैंगन, चुकंदर, शलजम, गाजर व मूली तो खरीफ सीजन में चौलाई, भिंडी, बैगन, करेला, लोबिया, तुरई, कददू, लौकी, प्याज व सेम की खेती की जाएगी। इसी तरह रबी सीजन में टमाटर, मटर, मिर्च, फूलगोबी, पत्तागोभी, पालक, सरसो, मेथी, सोया, धनियां, शिमला मिर्च, बैंगन, प्याज, लहसुन, गाजर व मूली का उत्पादन किया जाएगा।

फूल और सब्जी के उत्पादन से आकर्षित होंगे स्कूल

स्कूलों में किचन गार्डन बनाने के लिये बजटकी मांग शासन से की गई है। चुनाव की प्रक्रिया के बाद बजट आते ही इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा। विद्यालय परिसर की बाउंड्रीवॉल व गेट का निर्माण कायाकल्प से पूरा हो गया है। इससे किचन गार्डन में पौधों की सुरक्षा हो सकेगी। साथ ही इसकी नियमित निगरानी नोडल अफसरों से कराई जाएगी। स्कूल में हरी पोषक युक्त सब्जियां का उत्पादन करने के साथ ही परिसर को तरह तरह के फूलों के पौधों को लगाने का निर्देश दिया गया है। जिससे स्कूल कैंपर सुंदर दिखे.., संतोष देव पाण्डेय, बीएसए।

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