Exclusive: तीन तलाक कानून से भी मुस्लिम वोट नहीं पा सकी भाजपा, योजनाओं का लाभ लेने वाले मतदाता भी साथ नहीं आए

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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2 मुस्लिम बूथों पर एक भी वोट नहीं मिला, बाकी जगह भी 2,4 वोट मिले

कानपुर, शिव प्रकाश मिश्र। तीन तलाक के विरुद्ध कानून लाने के बाद भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि इस फैसले से मुस्लिम महिलाएं उसके पक्ष में मतदान करेंगी। साथ ही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने वाले मुस्लिम मतदाता भी उसके साथ आएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए की गई सारी कवायद भी फेल नजर आई। ये बात बूथ वार भाजपा को मिले मत से साबित हो रही है। खांटी मुस्लिम बूथों पर नजर डालें तो उनमें से 2 ऐसे हैं जहां पार्टी को एक भी वोट नहीं मिला। कई ऐसे बूथ थे जहां 10 वोट भी भाजपा को नहीं मिले।

48 बूथों पर 10 से कम वोट मिले

आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र में बूथवार मिले मतों पर नजर डालें तो भाजपा की हालत बेहद खराब रही। यहां के मुस्लिम बाहुल्य वाले 48 बूथों पर भाजपा के रमेश अवस्थी को 10 से भी कम वोट मिले। कहीं 2 तो कहीं 3, 4 वोट ही भाजपा के हिस्से में आए। इसी तरह 41 बूथों पर भाजपा दहाई के आंकड़े से बाहर नहीं जा सकी। 

कुछ ऐसे भी बूथ रहे जहां पार्टी को सिर्फ 1 वोट मिला। बूथ संख्या 138 पर कांग्रेस को 576, 187 पर 589, 194 पर 391, 208 पर 483 वोट मिले। ये वही बूथ हैं जहां भाजपा को सिर्फ एजेंटों का ही वोट मिला। आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र के बूथों से कांग्रेस को 11339 मतों की लीड मिली है। यहां कांग्रेस के आलोक मिश्रा को 78878 और भाजपा के रमेश अवस्थी को 67539 वोट मिले। 

2 बूथों पर भाजपा का खाता नहीं खुला

सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के दो बूथों पर भाजपा का खाता ही नहीं खुला। यहां 57 बूथों पर भाजपा इकाई और 27 बूथों पर दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सकी। बूथ संख्या 58 पर कांग्रेस को 624, जबकि भाजपा को एक वोट मिला। बूथ 65 पर भाजपा को एक, कांग्रेस को 574, बूथ नंबर 89 पर कांग्रेस को 722, 100 पर 452 वोट मिले और भाजपा के खाते में एक-एक मत ही आए। बूथ संख्या 87 पर कांग्रेस को 442, 98 पर 425 मत मिले। वहीं इन दोनों बूथों पर भाजपा के खाते में शून्य वोट आए। सीसामऊ में कांग्रेस को 87323 और भाजपा को 60848 वोट मिले। यहां कांग्रेस ने 26475 वोट से लीड किया। 

30 बूथों पर 10 से भी कम वोट 

कैंट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगातार मुश्किल में रही है। 2017 और 2022 में इस सीट को हारने वाली भाजपा को लोकसभा चुनाव में भी बड़ा झटका लगा। यहां से भाजपा के रमेश अवस्थी को 30 बूथों पर 10 से भी कम वोट मिले। कुल 76 बूथों पर दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं किया। बूथ संख्या 88 से 113 तक स्थिति ठीक रही। इसके बाद 211 से 233 तक अच्छे मत भाजपा के पक्ष में आए। 

165 से 175 के बूथों को भी भाजपा के लिए अनुकूल कह सकते हैं। लेकिन 262 से 290 बूथ पर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। बूथ संख्या 287 से 290 तक हालत यह रही कि एक-दो या तीन मत ही मिले। आलोक मिश्रा को इस विधानसभा क्षेत्र में 115028 मत तो भाजपा के रमेश अवस्थी को 71520 वोट मिले। इस तरह भाजपा इस क्षेत्र में 43508 वोटों से पिछड़ी। 

गोविंदनगर के मतदाताओं ने रमेश को संभाला 

गोविंदनगर विधानसभा में भाजपा को इकाई के रूप में वोट कहीं नहीं मिले। हालांकि ऐसे कई बूथ रहे जहां दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सकी। बूथ नंबर एक से 50 तक भाजपा की हालत बेहतर रही। 146 नंबर बूथ के बाद भाजपा की हालत गड़बड़ाई, लेकिन 175 से लेकर बूथ संख्या 348 तक भाजपा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

हर बूथ पर जमकर वोट बरसे। इन बूथों पर कांग्रेस को जबरदस्त निराशा हाथ लगी। विधानसभा क्षेत्र के बूथों पर आलोक मिश्रा को 71560 और रमेश अवस्थी को 112400 वोट मिले। यहां से भाजपा को 40840 वोटों की जबरदस्त लीड मिली, जो रमेश अवस्थी की जीत में अहम रही। 
  
किदवईनगर ने अवस्थी को दिया सहारा 

किदवईनगर विधानसभा क्षेत्र में गिने- चुने बूथ ही रहे जहां भाजपा को दहाई से ऊपर वोट न मिला हो। 35, 36, 37 व 334 नंबर बूथ ही ऐसा रहा, जहां भाजपा ने दहाई का आंकड़ा नहीं पार किया। इसके अलावा सभी बूथों पर जबरदस्त वोट बरसे। एक से लेकर 29 नंबर बूथ तक अच्छे मत मिले। 262 नंबर बूथ के बाद आखिरी बूथ नंबर तक भाजपा ने कांग्रेस को टिकने नहीं दिया। 

हर बूथ पर तीन अंकों में वोट मिले। अकेले किदवईनगर में कांग्रेस को पनपने का मौका नहीं मिला। यहां आलोक मिश्रा को 66680 और रमेश अवस्थी को 128302 वोट मिले। पांचों विधानसभा की तुलना में यहां भाजपा ने सबसे अधिक 61622 मतों से लीड हासिल की जो जीत का आधार बनी।

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