Kanpur: फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में 50 लाख रुपये के लेन-देन की बात आई सामने, पांच आरोपी गिरफ्तार

Kanpur: फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में 50 लाख रुपये के लेन-देन की बात आई सामने, पांच आरोपी गिरफ्तार

कानपुर, अमृत विचार। शिक्षा विभाग के फर्जी शिक्षक घोटाले में पुलिस ने गुरुवार को 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 2 मिर्जापुर व 3 प्रयागराज के हैं। खास बात यह है कि आरोपियों में 2 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में संविदा पर डाटा आपरेटर पद पर कार्यरत हैं। पुलिस ने बताया कि अभी तक जो चैट सामने आई है उसमें इस घोटाले में 50 लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है। अभी आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है।

शिक्षा विभाग को फर्जी ई-मेल आईडी के जरिये 9 शिक्षकों का पैनल नियुक्ति के लिए भेजा गया था। इसमें से 2 शिक्षकों की नियुक्ति भी अलग-अलग स्कूलों में हो गई थी। इसका खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई थी। कर्नलगंज पुलिस ने गुरुवार को बताया कि घोटाले में एसआईटी ने आरोपी प्रयागराज से विवेक द्विवेदी और शिवम विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है। यह दोनों बोर्ड में डाटा आपरेटर पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा मिर्जापुर से लालजी सिंह, दिनेश कुमार पाण्डेय व अभिनव त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। अभिनव त्रिपाठी एक स्कूल में लैब टेक्नीशियन है। 

डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने बताया कि जांच के दौरान सबसे पहले आरोपियों की ओर से भेजी गई फर्जी ई-मेल को ट्रेस किया गया। सामने आया कि शिक्षा विभाग को भेजी गई ई-मेल आईडी शिवम द्विवेदी और शिवम विश्वकर्मा ने तैयार की थी। पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने यह ई-मेल आईडी शिक्षा विभाग से रिटायर हो चुके चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालजी सिंह के कहने पर बनाई थी। 

इस कार्य के लिए दोनों को 2 लाख रुपये मिले थे। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर दिनेश पाण्डेय प्रबंधक काशी प्रसाद जायसवाल जूनियर हाई स्कूल लाल डिग्गी मिर्जापुर व लैब टेक्नीशियन केवीपीजी डिग्री कॉलेज मिर्जापुर अभिनव त्रिपाठी की भूमिका का खुलासा हुआ। इसके बाद पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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