मुरादाबाद : MDA के मास्टर प्लान पर जल्द लगेगी मुहर, जनपद में विकास को लगेंगे पंख

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Published By Bhawna
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मुरादाबाद, अमृत विचार।  मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा जनपद के लिए बनाई गई महायोजना-2031 एक साल पहले शासन को भेजी गई थी। अब वह जल्द ही पास हो जाएगी। यह फाइल जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखी जाएगी। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा हर 10 साल बाद जनपद के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाता है। जिसके तहत इस बार महायोजना-2031 तैयार की गई है। जिसमें जनपद में कई विकास कार्यों को शामिल किया गया है। इसके अलावा इसमें विभिन्न भू-उपयोग के साथ ग्रीन बेल्ट का क्षेत्र भी आरक्षित किया गया है।

पिछली महायोजना-2021 के समाप्त होने से पहले ही अगले 10 साल के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान-2031 बन जाना चाहिए था। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। लगभग तीन साल पहले महायोजना तैयार करने की शुरुआत की गई थी, लेकिन इस बीच यह प्रक्रिया कोरोना महामारी और अन्य मामलों के चलते यह बाधित रही। बीती तीन जनवरी 2022 को बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद आपत्ति, सुझाव मांगे जाने से गतिविधियों ने तेजी पकड़ी। 

15 मार्च 2022 को सार्वजनिक सूचना निर्गत कर आपत्तियां मांगी गई थीं। जिसमें कुल 285 आपत्तियां आई थीं। 25 मार्च से 24 अप्रैल तक आपत्तियों और सुझावों पर सुनवाई हुई। उसके बाद तिथि बढ़ा कर सात मई 2022 कर दी गई। कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे बोर्ड की बैठक में नहीं रखा जा सका। इस बीच पूर्व उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी का तबादला हो गया और नए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार के चार्ज लेने पर पुन: आपत्तियां आमंत्रित कर सुनवाई की गई। कुल प्राप्त 410 आपत्तियों पर सुनवाई एक नवंबर से पांच नवंबर 2022 तक की गई थी। 

मुख्यमंत्री के सामने महायोजना की प्रस्तुति होने ही वाली थी कि आचार संहिता लग गई। इसके कारण महायोजना फिर लटक गई। इसके बाद महायोजना-2031 पास कराने के लिए एमडीए अधिकारियों ने एक साल पहले शासन को भेज दिया था। लेकिन, यह महायोजना तकनीकी समिति से पास होने के बाद लगभग छह माह से अटकी हुई थी। कुछ दिन पहले ही शासन के एक उच्चाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वीसी शैलेष कुमार को महायोजना के मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुति देने के लिए तैयार रहने को कहा है।

महायोजना-2031 में यह रहेगा खास

  • शहर के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 200 एकड़ में शिल्पग्राम की रहेगी व्यवस्था।
  •  कांठ रोड व दिल्ली पर व्यावसायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बाजार स्ट्रीट तथा उपनगर केंद्रों का रहेगा प्रावधान।
  • संभावित मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, स्टेडियम, बस व ट्रक टर्मिनल के लिए भी रहेगी पर्याप्त व्यवस्था।
  •  मछली मंडी और कैटल कॉलोनी को शहर के बाहर स्थापित करने की रहेगी व्यवस्था।
  •  अनाज मंडी, सब्जी मंडी की भी रहेगी व्यवस्था। ग्रीन बेल्ट के लिए पहले से आरक्षित क्षेत्र का बढ़ेगा दायरा।
  • जहां काफी समय से आबादी और औद्योगिक इकाई स्थापित हैं , वहां का बदल सकता भू-उपयोग।

महायोजना-2031 का मुख्यमंत्री के सामने जल्द ही प्रजेंटेशन हो सकता है। शासन से इसके संकेत मिले हैं। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। उम्मीद है कि प्रजेंटेशन के कुछ दिन बाद महायोजना पास हो जाएगी।-शैलेष कुमार, वीसी एमडीए

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