Kanpur: सौहार्द्र मजबूत करने को मंथन करेंगे मुस्लिम बुद्धिजीवी, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संस्थापक भी आमंत्रित

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार आपसी भाईचारा कायम हुआ है, मुसलमान अब उस भाईचारे को बिगड़ने नहीं देंगे। कैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के बीच आपसी सौहार्द और बढ़ाया जाए, इस पर मंथन करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवसिर्टी के रिटायर प्रोफेसर, देशभर के बुद्धिजीवी बुधवार को अलीगढ़ में बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संस्थापक सदस्य एवं खानकाह हजरत दादा मियां के नायब सज्जादानशीन सैयद अबुल बरकात नजमी भी शिरकत करेंगे। 

बेकनगंज दादा मियां चौराहा पर स्थित मजार शरीफ के नायब सज्जादानशीन सैयद अबुल बरकात नजमी ने बताया कि अलीगढ़ में बुधवार को बुद्धिजीवियों की एक मीटिंग होगी। उन्होंने अमृत विचार संवाददाता से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल से नफरत की दीवार ढही है, ऐसे में जरूरत इस बात की है कि इन नफरत की दीवार को दुबारा कोई नहीं चुन सके। 

उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क एक ऐसा गुलदस्ता है जिसमें तरह तरह के फूल खिलते हैं। ऐसे गुलदस्ते को किसी की नजर लग गई थी लेकिन अब इस गुलद्स्ते को सींचने के लिए मुसलमानों की भी जिम्मेदारी है कि वह आपसी भाईचारे को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ये अच्छा मौका है, अपने गैर मुस्लिम भाइयों के दुख-सुख में शामिल हों। जब कभी मुसलमानों पर कोई आफत या मुसीबत आई है तो हमारे हिंदू भाई, सिख भाई और ईसाई समुदाय के लोग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं।

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