पीलीभीत: ...तो राशन की दुकानों पर 'दबंग' के लिए 50 रूपये दिलवाने के पीछे कुछ जिम्मेदार!

पीलीभीत: ...तो राशन की दुकानों पर 'दबंग' के लिए 50 रूपये दिलवाने के पीछे कुछ जिम्मेदार!

पीलीभीत, अमृत विचार: सरकारी राशन की दुकानों पर उपभोक्ताओं को पचास रुपये लेकर डिटर्जेंट पाउडर का पैकेट दिए जाने के मामले में दूसरे दिन भी तमाम तरह की चर्चाएं तेज रही। कुछ जिम्मेदारों की मिलीभगत से इस खेल के होने की चर्चाएं की जाती रही। हालांकि जिला पूर्ति अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू करा दी है। अब जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई तय की जाएगी।

सरकारी राशन की दुकानों पर इन दिनों निशुल्क गल्ला वितरण कराया जा रहा है। शनिवार को बरखेड़ा क्षेत्र की राशन की दुकान पर राशन की दुकान से कार्डधारकों को पचास रुपये लेकर डिटर्जेंट पाउडर दिया जा रहा था।  

इससे जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे। जिसमें कोटेदार का कहना था कि ये विभाग की तरफ से ही मिला है। जबकि इनमें कुछ कार्डधारकों का कह रहे थे कि अगर डिटर्जेंट पाउडर न लिया जाए तो राशन देने में आना-कानी की जाती है। बता दें कि इससे पहले नमक और चाय की पत्ती दस से बीस रुपये लेकर दिए जाने पर भी सवाल उठे थे। बरखेड़ा से उजागर हुए इस मामले के बाद रविवार को भी खलबली मची रही।

वहीं , इसके पीछे कुछ जिम्मेदारों की शह होने की बात कही जाती रही।  ये भी चर्चाएं रही कि बरखेड़ा के अलावा भी कुछ अन्य ब्लॉक क्षेत्र में इसकी बिक्री कराई जा रही है। अब जिला पूर्ति अधिकारी की ओर से इस मामले में जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।  फिलहाल मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

विभाग की नहीं कोई भूमिका, कोटेदार नहीं बना सकता दबाव
रविवार को इस मामले को लेकर जिला पूर्ति अधिकारी विकास कुमार की आरे से पत्र जारी किया गया। जिसमें साफ कहा गया कि विभाग और शासन की ओर से  डिटर्जेंट पाउडर देने का कोई प्रावधान नहीं है। न ही विभाग की ओर से इसे उपलब्ध कराया गया है। अपनी आर्थिक आय बढ़ाने के लिए विक्रेता जनोपयोगी और स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी वस्तुएं रख सकता है। जिसे कार्डधारक अपनी इच्छा के अनुसार  प्राप्त कर सकता है। कोटेदार द्वारा कोई दबाव नहीं बनाया जा सकता। ये भी साफ किया गया कि सर्फ आदि की आपूर्ति में विभाग की कोई भूमिका नहीं है।

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