पीलीभीत: चांदडांडी के ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर लगाई रोक, धनराशि का दुरुपयोग करने पर डीएम ने लिया एक्शन
पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर धांधली कर धनराशि का दुरुपयोग करने पर डीएम ने ललौरीखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत चांद डांडी के ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार पर रोक लगा दी है। प्रथम दृष्टया जांच में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी सामने आई है। डीएम ने जांच के लिए दो सदस्यीय जांच टीम का गठन कर 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
ललौरीखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत चांद डांडी निवासी प्रेमपाल, राकेश कुमार, पोपराम, तिलकराम, श्यामाचरन ने तत्कालीन डीएम को शपथ पत्र देकर ग्राम प्रधान पर विकास कार्य के नाम पर आई धनराशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए जांच कराए जाने की मांग की थी।
ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला ग्राम विकास संस्थान के जिला प्रशिक्षण अधिकारी और शारदा सागर खंड के सहायक अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जांच अधिकारी ने पूरे मामले की जांच कर अपनी आख्या जिलाधिकारी को भेजी थी। जांच आख्या के परीक्षण के बाद डीएम की ओर से ग्राम प्रधान महेंद्र पाल और डीपीआरओ द्वारा सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
जांच में दोषी पाए गए तकनीकी सहायक और रोजगारसेवक को भी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया। ग्राम प्रधान एवं सचिव की ओर से नोटिस का जवाब दिया गया तो लगाए गए सभी आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए।
दो वर्ष तक लगातार नाली खुदाई दिखा हड़पे 1.40 लाख
जांच के दौरान वर्ष 2021 में ग्राम निधि के खाते से मनरेगा श्रमिकों के भुगतान के 16,500 ग्राम प्रधान द्वारा अपने व्यक्तिगत खाते में लेना पाया गया। इसमें ग्राम प्रधान एवं तत्कालीन पंचायत सचिव वीरेंद्र कुमार दोषी पाए गए।
वर्ष 2020-21 एवं 21-22 में ग्राम पंचायत में लगातार दो साल तक लगातार नाली खुदाई का कार्य दर्शाते हुए 1,40,556 रुपये का दुरुपयोग होना पाया गया। इसमें ग्राम प्रधान एवं तत्कालीन पंचायत सचिव अतुल पाठक प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए। इसके अलावा स्ट्रीट लाइटों की खरीद 17 हजार रुपये का भुगतान बिना टेंडर सीधे फर्म का भुगतान करने में ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव अखिलेश गुप्ता दोषी पाए गए।
इधर संतोषजनक जवाब न देने पर डीएम संजय कुमार सिंह ने ग्राम प्रधान महेंद्र पाल के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की अंतिम जांच कराने के निर्देश दिए हैं। अंतिम जांच के लिए उप कृषि निदेशक एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया है। डीएम ने नामित अधिकारियों को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खंड विकास अधिकारी ललौरीखेड़ा को ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों की सूची डीपीआरओ कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीणों की शिकायत पर हुई प्रथम दृष्टया जांच में धनराशि दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत चांदडांडी के ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार पर रोक लगा दी गई है। - सतीश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी
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