तीन महीने में एक कदम आगे नहीं बढ़ी धोखाधड़ी की जांच-काेर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था केस

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Published By Jagat Mishra
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सतरिख/ बाराबंकी, अमृत विचार। परिवार रजिस्टर नकल में फर्जीवाड़ा कर अपने सगे भाई की जमीन हड़पने की कोशिश करने वालों पर सतरिख पुलिस मेहरबान है। न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे की जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ी है। पुलिस ने अभी तक ब्लॉक से हुई जांच की रिपोर्ट तक नहीं ली है। 

सतरिख थाने के शरीफाबाद गांव निवासी प्रेमचंद की मौत 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी। प्रेम की मौत के बाद उसकी पत्नी शिवप्यारी ने परिवार रजिस्टर नकल तथा पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र सहित अन्य अभिलेखों के आधार पर तहसीलदार नवाबगंज की न्यायालय में जमीन विरासत के लिए वाद दायर किया था। शिवप्यारी का कहना है कि रिश्ते में उसके देवर उमेश चंद्र ने भी अपने को वारिश सबित कर जमीन के लिए वाद दायर किया। आरोप है कि वारिस बनने के लिए उमेश ने परिवार रजिस्टर की नकल में खुरच कर अपने भाई की पत्नी शिवप्यारी का नाम हटा दिया था। इस बात की जानकारी होने पर महिला ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पर इसकी शिकायत की थी। शिकायत के बाद हरख ब्लॉक के एडीओ पंचायत राजेंद्र प्रसाद यादव ने इसकी जांच की थी। जांच के दौरान यह सामने आया था कि उमेशचंद्र ने परिवार रजिस्टर की नकल में खुरच करके अपनी भाभी शिव प्यारी का नाम मिटाया है। महिला का कहना है कि धोखाधड़ी करने वालों पर कार्यवाही के लिए पुलिस में शिकायत की गई। सुनवाई न होने पर न्यायालय में बाद दायर किया। 

न्यायालय के आदेश पर 23 मार्च 2024 को सतरिख थाने में उमेश चंद्र तथा उसकी बहन के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज़ हुआ था। पीड़ित महिला का आरोप है मुकदमा दर्ज हुए तीन महीने बीत रहे हैं लेकिन पुलिस की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। मुकदमे के विवेचक उप निरीक्षक मनोज कुमार राना का कहना है कि मामला फ्रॉड का है। विवेचना चल रही है। ब्लॉक से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

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