Kanpur IIT ने बनाई ऐसी डिवाइस...फोटा का विश्लेषण करते ही तुरंत पता चलेगा मुंह का कैंसर

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Published By Nitesh Mishra
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आईआईटी ने डिवाइस को स्कैन्जनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को किया हस्तांतरित

कानपुर, अमृत विचार। मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए अब मुंह परीक्षक डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा। यह पोर्टेबल डिवाइस है, जिसका आविष्कार आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह ने टीम के साथ किया है। 

डिवाइस मुंह की जांच करने के लिए विशेष रोशनी और कैमरे का उपयोग करती है। मुंह की फोटो का विश्लेषण कर उन्हें सामान्य, कैंसर से पहले या कैंसर के रूप में वर्गीकृत कर तत्काल परिणाम देगी। आईआईटी कानपुर ने मुंह परीक्षक को स्कैन्जनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया है, दोनों के बीच प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए। 

प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह के मुताबिक डिवाइस स्मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड आदि से वायरलेस तरीके से जुड़ती है। यह उपकरण क्लिनिकल सेटिंग्स में 90 फीसदी सटीकता के साथ त्वरित और दर्द रहित जांच प्रदान करता है। यह सुरक्षित, विकिरण-मुक्त है और इसके लिए किसी अतिरिक्त रसायन या प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है। 

आईआईटी निदेशक प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि इस तकनीक से मुंह के कैंसर का जल्द पता कर उसका समय पर निस्तारण किया जा सकता है। आईआईटी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो.तरुण गुप्ता ने कहा कि समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आविष्कार को प्रभावी ढंग से बाजार में उतारना है। जो सभी के लिए किफायती और लाभकारी हो।

हस्ताक्षर के दौरान ये रहे शामिल 

आईआईटी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डीन प्रो.तरुण गुप्ता, आईआईटी के एसआईआईसी के प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा, बीएसबीई विभाग के प्रमुख प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय, एमपीडीसी में ओरल पैथोलॉजी की प्रमुख और सह-आविष्कारक डॉ. प्रेरणा सिंह, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और आविष्कारक प्रो. जयंत कुमार सिंह और स्कैनजनी साइंटिफिक के लाइसेंसधारी और निदेशक धीरेंद्र सिंह मौजूद रहे।

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