AKTU Fraud: फिल्मी अंदाज में बनाई एकेटीयू 120 करोड़ रुपये उड़ाने की योजना, शिवांश और राजेश हैं मास्टरमाइंड

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Published By Muskan Dixit
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एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ रुपये उड़ाने की योजना शिवांश ने बनाई थी। दोनो ठग राजेश बाबू और शिवांश दोनों फिल्म इंडस्टी में काम कर चुके हैं। कई मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरी छोड़ जालसाजी अुनराग करने लगा।

लखनऊ, अमृत विचार: एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ रुपये उड़ाने की पूरी योजना शिवांश बजाज ने बनाई थी। उसने अपने बैंग्लूरू के रहने वाले दोस्त का सहयोग लिया था। शिवांश ने इस हेराफेरी के लिए पूरी फिल्मी पटकथा लिखी। इसके लिए छह महीने तक रेकी की। किसे क्या भूमिका देनी है। यह सब तय किया। इस पर करीब 55 से 60 लाख रुपये भी खर्च किए। यह रकम एकेटीयू के खाते से उड़ाने के तुरंत बाद साथियों में बांट दी थी। यह खुलासा अनुराग ने पुलिस की पूछताछ में किया।

फ्रॉड की लंबी कहानी

साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के मुताबिक अनुराग श्रीवास्तव मूलरूप से बस्ती के हरैया का रहने वाला था। वह अयोध्या में ठिकाना बनाया था। 2019 में महेंद्र फाइनेंस कंपनी में बहराइच जिले के प्रभारी के रूप में काम किया। एक साल बाद युवती के प्रेम पड़कर नौकरी छोड़ दी। इसके बाद लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में प्रेमिका के साथ लिवइन में रहने लगा। कुछ दिन बाद गूगल पे में नौकरी की। कोविड कॉल में यह नौकरी छूट गई। इसके बाद उसने कपूर रिजेंसी में काम करना शुरू किया। इसी दौरान नवंबर 2023 में उसकी मुलाकात डीएलएफ माईपैड स्थित होटल द-ग्रेस में ठहरे शिवांश बजाज से हुई। शिवांश ने उसे बताया कि वह काफी समय से फिल्म इंडस्टी में काम करता था। वह बैकग्राउंड साउंड का विशेषज्ञ है। राजेश बाबू के साथ उसकी मुंबई में ही दोस्ती हुई। दोनों ने मिलकर एकेटीयू के खाते से 300 करोड़ रुपये साफ करने की योजना बनाई। इसके लिए शिवांश ने बैंग्लूरू के अपने दोस्त का सहयोग लिया।

कागज के साथ फर्जी किरदार बनाए

पुलिस के मुताबिक शिवांश ने पूरी तरह से फिल्मी पटकथा लिखी। इसके बाद कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए। वहीं, अपनी योजना को सफल करने के लिए फर्जी किरदार भी बनाए। इसमें से एक अनुराग भी था। उसे तैयार करने में शुरूआती दौर में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये तक खर्च किए। अनुराग का पूरा मेकओवर कराया। उसके पहनने के लिए सूट खरीदे गए। ताकि वह बैंक और एकेटीयू का अधिकारी लग सके। शिवांश जब भी अनुराग से मिलता उसे दस से 25 हजार रुपये देता था। खाते से रकम उड़ाने के बाद 15 लाख रुपये दिये। वहीं मुंबई के खाते से 25 लाख रुपये एक एसयूवी खरीदी। जो फैसल खान नामक ई-रिक्शा चालक के नाम थी। इसे एक बिल्डर ने हैदराबाद पहुंचाने के लिए फर्जी कागजात तैयार कराए।

बिल्डर चांद बाबू की तलाश में दबिश

साइबर क्राइम थाना प्रभारी बृजेश कुमार यादव के मुताबिक ठगी के गिरोह में शामिल बेंगलुरू के शिवांश बजाज, गुजरात के कपिल मुनि और लखनऊ के चांद बाबू की तलाश चल रही है। चांद बाबू ही इस गिरोह के लोगों को जोड़ने का सूत्राधार है। बिल्डर चांद बाबू केस दर्ज होने के बाद से फरार है। ठगी के सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

अब तक 8 लोग गिरफ्तार

साइबर सेल ने गुजरात के अमरौली से देवेंद्र जोशी, अहमदाबाद से उदय पटेल, उन्नाव से राजेश बाबू, बीकेटी से गिरीश चंद्र, लखनऊ महानगर से शैलेश कुमार रघुवंशी, मुसाफिर खाना अमेठी से दस्तगीर आलम, बस्ती से कृष्णकांत को गिरफ्तार किया है। टीम ने अनुराग श्रीवास्तव को फैजाबाद से गिरफ्तार किया है। 119 करोड़ रुपए की रिकवरी भी हो चुकी है। 1 करोड़ की रिकवरी होना बांकी है। इस गिरोह ने वारदात को अंजाम देने के लिए 17 मोबाइल नंबर का प्रयोग किया था। सभी नंबर प्री-एक्टिवेटेड थे। अनुराग के पास मिले मोबाइल से सारा डाटा मिटा दिया गया था।

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