बरेली:बांग्लादेशी जायरीन उर्स-ए-रजवी में आने को बेताब, मगर हालात से मजबूर

29 अगस्त से तीन रोजा उर्स शुरू होगा, बांग्लादेश में हालात चल रहे हैं खराब

बरेली:बांग्लादेशी जायरीन उर्स-ए-रजवी में आने को बेताब, मगर हालात से मजबूर

बरेली, अमृत विचार : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं, जिसका देश में कड़ा विरोध हो रहा है। उर्स-ए-रजवी में देश-दुनिया के साथ बांग्लादेशी जायरीन भी हाजिरी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन जो हालात बने हुए हैं, इससे वहां के जायरीन उर्स-ए-रजवी में शामिल होंगे या नहीं, इसपर संशय की स्थिति बनी हुई है।

बरेली सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों का मरकज है। मसलके आला हजरत के दुनियाभर में मानने और चाहने वाले हैं। बांग्लादेश में भी इनकी बड़ी तादाद है। आला हजरत का 106 वां तीन रोजा उर्स- ए- रजवी 29 अगस्त से शुरू होगा। कई देशों के जायरीन उर्स में हाजिरी देने के लिए हर साल पहुंचते हैं, लेकिन बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां पर हिंसा भड़की है। भारत-बांग्लादेश बार्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है। ऐसे में बांग्लादेशी जायरीन के आने पर संशय बना हुआ है। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि बांग्लादेश के जायरीन इस बार उर्स- ए- रजवी में शामिल होंगे या नहीं, अभी इसको लेकर कुछ स्पष्ट कहा नहीं जा सकता है।