कानपुर के इस इलाके में जगमगा रही नेत्रदान की रोशनी...कई लोगों ने कार्निया दान कर नेत्रहीनों के जीवन से मिटाया अंधकार

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। श्रीकृष्ण के नाम पर बसा शहर का कृष्णा नगर लगातार लोगों की आंखों का अंधेरा मिटाकर जिंदगी रोशन कर रहा है। बीते 18 साल में कृष्णा नगर के 212 लोगों के नेत्रदान करने से आज 428 लोग दुनिया देख रहे हैं। कृष्णा नगर से 2006 में नेत्रहीनों को रोशनी देने के संकल्प की शुरुआत हुई थी। यहां के पूर्व पार्षद समाजसेवी मदन लाल भाटिया नेत्रदान प्रेरक हैं। 

उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी कुंदन लाल भाटिया की प्रेरणा से परचून दुकानदार अमित की मां सीता भाटिया का पहला नेत्रदान कराया गया था। इसके बाद लोग अपनों के निधन के बाद उनके कार्निया दान करने के लिए आगे आए। 

सीता के पति बलदेव राज का निधन 2014 में होने पर परिजनों ने उनका कार्निया दान किया। श्री नागर जी सेवा दल कार्निया दान में हाथ बंटाता है। किसी की मृत्यु होने पर संस्था के सुदेश कुमार भाटिया अंतिम संस्कार, गुलशन कुमार अस्थि विसर्जन और मनीष कुमार श्मशान घाट की व्यवस्था देखते हैं।   

पाकिस्तान से 350 परिवार आए थे  

मदन लाल भाटिया ने बताया कि 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान के कंधार बार्डर स्थित डेरा इस्माइल खां से यहां करीब 350 परिवार आए थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की डॉ.शालिनी मोहन कार्निया दान में सहयोग करती हैं। 

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