बांग्लादेश में पुलिस कार्यालय में मौजूद नहीं, सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ीं 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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ढाका। बांग्लादेश में पिछले महीने शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से पुलिस कार्यालय में मौजूद नहीं होने से सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। ‘द डेली स्टार’ ने रिपोर्ट जारी करके यह जानकारी दी। समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी के साथ कार्यरत बल के सदस्यों को हटाए जाने, स्थानांतरित किए जाने, मामला दर्ज किए जाने या गिरफ्तारी के डर से पुलिसकर्मी को निम्न मनोबल का सामना करना पड़ रहा है। शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पांच अगस्त को हसीना के देश से निर्वासन के बाद कई पुलिस अधिकारी छिप गए। 

सूत्रों के मुताबिक, 700-800 अधिकारी बिना छुट्टी के काम से दूर रहे हैं। गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने गुरुवार को जिला पुलिस अधीक्षकों से अपने सीमित संसाधनों के साथ कड़ी मेहनत करने को कहा।उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास बहाल करना पुलिस का दायित्व है, जो पिछली अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण कमजोर हुआ है। सुश्री हसीना के जाने से पहले और उसके तुरंत बाद पुलिस को अभूतपूर्व सार्वजनिक आक्रोश का सामना करना पड़ा क्योंकि प्रदर्शनकारियों पर कानून प्रवर्तन द्वारा घातक हथियार सहित अत्यधिक बल के उपयोग के जवाब में लोगों ने उनकी कारों और घरों में आग लगा दी और पुलिस सुविधाओं को बर्बाद कर दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 664 में से लगभग 450 पुलिस स्टेशनों पर हमला किया गया, जिनमें से कई पुलिस थानों में दंगाइयों ने आग लगा दी।पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 5,829 हथियार और 6,06,742 गोलियां चोरी हुईं, जिसमें से 3,763 आग्नेयास्त्र और 2,86,082 गोलियां मिलीं।अवामी लीग प्रशासन के पतन के बाद से राजधानी में 94 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 278 आरोप लगाए गए हैं। प्रतिवादियों में तीन पूर्व पुलिस महानिरीक्षक शामिल हैं। सिपाही से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक को आरोपित किया गया है। आरोपित लोगों में आठ अतिरिक्त महानिरीक्षक, सात उपमहानिरीक्षक, 12 पुलिस अधीक्षक, 14 अतिरिक्त एसपी, छह सहायक एसपी, 12 ओसी, आठ निरीक्षक,10 उप-निरीक्षक और एक सहायक उप-निरीक्षक शामिल थे। 

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