इस मुबारक महीने में रहमत बन कर आए नबी-ए-करीम: हाजी गुलाम सिद्दीकी

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Published By Deepak Mishra
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शहर के एक होटल में हुई महफ़िल-ए-बेदारी, तमाम उलेमा जुटे

अयोध्या, अमृत विचार। क़ाज़ी-ए-शहर अयोध्या हजरत मुफ्ती शम्सुल क़मर अलीमी और महासचिव हाजी गुलाम अहमद सिद्दीकी द्वारा मरकज़ी अंजुमन तबलीग़ अहले सुन्नत कमेटी के संयोजन में गुरुवार रात इस्तकबाल माहे रबी-उल-अव्वल महफ़िले बेदारी का आयोजन किया गया।

जलसे की शुरुआत हाफ़िज़ फ़ैसल हाशमी साहब ने तिलावते कलाम-ए-पाक से की। इसके बाद मौलाना शाबान, मोहम्मद अज़ीम अज़हरी, मोहम्मद ओवैस ने बारगाहे नवी में नातिया कलाम का नजराना पेश किया। महासचिव हाजी गुलाम अहमद सिद्दीकी ने कहा कि माहे रबी उल अव्वल इस्लामी साल का तीसरा महीना है। इसी मुबारक महीने में नबी-ए-करीम को रहमत बनाकर दुनिया में भेजा गया। उन्होंने कहा कि रसूले खुदा के मोहब्बत, भाईचारे के पैगाम को समाज में आम करने के साथ ही नई नस्ल को तालीमयाफ्ता बनाने पर जोर दिया।

क़ाज़ी ए शहर मुफ़्ती शम्सुल क़मर अलीमी ने बताया कि 12 रबी-उल-अव्वल की तकरीबात ईद-ए-मिलादुन्नबी शान-ओ-शौकत से मनाई जाएगी। 16 सितंबर सोमवार को बारह रबी उल अव्वल मनाया जाएगा। 10 और 11 रबी उल अव्वल को चौक घंटा पर अज़ीमुश्शान जलसा बाद नमाज़ ईशा होगा। 12 रबी उल अव्वल को शहर में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकलेगा।

मरकज़ी अंजुमन तबलीग़ अहले सुन्नत की जानिब से शहर की तमाम अंजुमनों को सर्टिफिकेट दिया  गया। हाजी वसीम, डॉ इरफान, आफताब खान शेरू, मौलाना शाबान, मौलाना फैसल हाशमी, मोहम्मद नूर ऐन, हाजी अच्छन, मोहम्मद महफूज वारसी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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