शाहजहांपुर: पुलिस के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
न्यायिक कार्य छोड़ कचहरी परिसर से नारेबाजी करते हुए निकल आए बाहर
शाहजहांपुर, अमृत विचार। कचहरी के प्रवेश द्वारों पर एसओजी, एसटीएफ आदि की तैनाती से खफा अधिवक्ताओं का पुलिस के खिलाफ गुस्सा भड़क गया। मंगलवार को सेंट्रल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता न्यायिक कार्य छोड़ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। अधिवक्ताओं ने एसपी पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया। करीब दो बजे सिटी मजिस्ट्रेट प्रवेंद्र कुमार धरनास्थल पर पहुंचे, जहां सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री और डीएम को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा गया।सिटी मजिस्ट्रेट ने समस्या समाधान का आश्वासन दिया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण दत्त त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिवक्ता पूर्वान्ह करीब 11:30 बजे गेट नंबर चार के बाहर सड़क पर इकट्ठा हुए और कलेक्ट्रेट व एसपी कार्यालय गेट के बाहर बीच सड़क पर दरी बिछाकर और कुर्सी डालकर धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। अधिवक्ताओं में पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर काफी आक्रोश नजर आ रहा था।
अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिस प्रशासन पिछले काफी दिनों से मनमाने तरीके से काम कर रहा है, जिसमें अधिवक्ताओं के हितो की अनदेखी की जा रही है। कचहरी परिसर के अन्दर तथा कचहरी के सभी प्रवेश द्वार पर एसओजी, एसटीएफ के सिपाहियों को तैनात कर दिया गया है। जिस कारण न्यायालयों में आने वाले अभियुक्तगण हिचक रहे हैं। इससे अधिवक्ताओं का कार्य प्रभावित हो रहा है और न्याय व्यवस्था पंगु हो रही है। जब न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई अथवा पैरवी करने के लिए अभियुक्तगण अथवा वादकारी नहीं पहुंच पाएंगे, तब फिर अधिवक्ता अपने मुक्विल की पैरवी करते हुए उन्हें कैसे न्याय सुलभ करा पाएंगे। हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है और न्यायालय में भी अपनी पैरवी करने का अधिकार संविधान ने दिया है, इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन ने मनमाना रवैया अपना रखा है।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक के रवैये से क्षुब्ध होकर सेंट्रल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्तागण आंदोलनरत हैं। अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक पर अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यहार किए जाने का भी आरोप लगाया और कहा कि थानों में एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही है। अधिवक्ताओं ने कहा कि उनकी मांग है कि पुलिस अधीक्षक पर अबिलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।
दोपहर करीब दो बजे सिटी मजिस्ट्रेट प्रवेंद्र कुमार धरना स्थल पर वकीलों के पास पहुंचे। जहां उन्हें इन्हीं सब बिंदुओं पर मुख्यमंत्री और डीएम को संबोधित ज्ञापन दिया गया। धरना प्रदर्शन के दौरान महासचिव राजीव कुमार शर्मा, अनीत त्रिवेदी, रामकुमार, अजीत सिंह, अनूप त्रिवेदी, अतुल वाजपेयी, अजय मिश्र, विशाल सिंह, नीलेश श्रीवास्तव, अभय गुप्ता आदि तमाम अधिवक्तागण मौजूद रहे।
बंद कर दिया गया था कचहरी रोड
अधिवक्ताओं ने करीब ढाई घंटे तक धरना -प्रदर्शन चलता रहा, इसके चलते पुलिस ने कचहरी रोड पर आने वाले वाहनों के प्रवेश पर पहले से ही रोक लगा दी थी। रोडवेज की तरफ कचहरी रोड पर आने वाले वाहनों के लिए कचहरी तिराहे पर बेरीकेडिंग कर दी गई थी और खिरनी बाग चौराहे से कचहरी रोड पर जाने वाले वाहनों को खिरनीबाग चौराहे के पास से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। यहां भी बेरीकेडिंग कर दी गई थी।
कई थानों का मौजूद था पुलिस फोर्स
अधिवक्ताओं के धरना-प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर कई थानों का पुलिस फोर्स बुलाया गया था। जिसमें सदर, चौक कोतवाली, रामचंद्र मिशन, रोजा, निगोही की शामिल थी। अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन पर पुलिस बल पूरी तरह से नजर बनाए हुए था।
आज भी होगा धरना प्रदर्शन
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण दत्त त्रिपाठी ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन के जरिये अपनी मांग को प्रशासन और शासन तक पहुंचाया गया है। जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाएगा, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। बुधवार को भी अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत रह कर पूर्वान्ह 11 बजे से दो बजे तक धरने पर बैठेंगे।
गठित की गई संघर्ष समिति
पुलिस की कार्य प्रणाली से नाराज सेंट्रल बार एसोसिएशन इस मुद्दे पर आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखाई दे रही है, इसलिए आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष समिति के गठन की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही संघर्ष समिति में शामिल लोगों के नाम की घोषण कर दी जाएगी।
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