मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने नहीं पहुंचे शिक्षक, नियम विरुद्ध शिक्षकों की तैनाती का मामला
लखनऊ, अमृत विचार: शहर के सरकारी विद्यालयों में नियम विरुद्ध संबंध शिक्षकों की संबद्धता समाप्त होने के बाद दूसरे दिन भी शिक्षक अपने मूल विद्यालय में कार्यभार संभालने नहीं पहुंचे। इनमें से कुछ बेसिक शिक्षा निदेशालय तो कुछ विभाग में अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे। हालांकि शिक्षकों के पास तैनाती का कोई आदेश नहीं था ऐसे में उनको निराशा ही हाथ लगी। अधिकारियों ने साफ लहजे में कह दिया कि उन्हें मूल विद्यालय में ही शिक्षण कार्य करना होगा।
इस सबंध में बीएसए राम प्रवेश ने कहा कि जो शिक्षक आदेश की अवहेलना करेंगे उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी। इस संबंध में कई शिक्षकों को चेतावनी दी गई है। वहीं शिक्षकों का कहना है 13 साल बाद उन्हें हटाया जाना उचित नहीं है। विभाग को हटाना था तो उसी समय हटा दिया जाता। संबद्ध शिक्षकों की वास्तविक संख्या कितनी है इसकी अभी जांच चल रही है। नाम सामने आते आएंगे उन सभी को मूल विद्यालय में भेजे जाने का आदेश क्रमवार जारी होते रहेंगे।
शिक्षकों का समायोजन होना है। ऐसे में संबद्ध शिक्षकों की वजह से व्यवस्था प्रभावित हो रही है। नियम विरुद्ध संबद्ध शिक्षकों को मूल विद्यालय में भेजा जाना आवश्यक है, जो शिक्षक मनमानी करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राम प्रवेश, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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