हाईकोर्ट ने नेपाली मूल के निवासियों द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण व गलत तरीके से दस्तावेज तैयार करने पर सरकार से मांगा जवाब

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने नेपाली मूल के निवासियों द्वारा नैनीताल के आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण व गलत तरीके से भारत के दस्तावेज तैयार कर कब्जा किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यामूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार बताए इस पर क्या एक्शन लिया गया। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है।

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पवन जाटव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बीते कई वर्षों से नेपाल से आए लोगों ने नैनीताल शहर व जिले के ग्राम सभा के खुरपाताल के तोक खाड़ी स्थित बजून चौराहे के पास करीब 25 परिवारों द्वारा सरकारी व नजूल भूमि पर कब्जा करके आवासीय निर्माण कर लिया है। इन लोगों ने न ही कोई नागरिकता हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया और न ही किसी तरीके से भारत देश की नागरिकता हासिल की और अवैध तरीके से यहां के दस्तावेज बनाकर जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवाएं कार्ड, अवैध तरीके से बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है।

साथ ही वोटर लिस्ट ,पैन कार्ड ,आधार कार्ड बनाकर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराकर पानी बिजली के कनेक्शन आदि अवैध तरीके से हासिल भी कर लिए। इस संबंध में  कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशाशन व राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से की परंतु उनकी शिकायत पर कोई निराकरण नहीं हुआ। इससे क्षुब्ध होकर उनको न्यायलय की शरण लेनी पड़ी।

जनहित याचिका में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। जिन अधिकारियों ने उन्हें ये प्रमाण पत्र जारी किए उनके खिलाफ भी विभागीय व दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाएं।

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