लखनऊ: दस साल की नौकरी में कई मां और बच्चों की जान बचा चुकी नर्सें हुईं बेरोजगार, NHM ऑफिस से भी भगाया

लखनऊ: दस साल की नौकरी में कई मां और बच्चों की जान बचा चुकी नर्सें हुईं बेरोजगार, NHM ऑफिस से भी भगाया

लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी स्थित नेशनल हेल्थ मिशन कार्यालय के बाहर करीब 33 नर्सें धरने पर बैठी हुई हैं। उनके साथ छोटे बच्चे भी हैं, यह सभी नर्सें नौकरी के लिए एनएचएम निदेशक से गुहार लगाने आईं हैं, लेकिन इनकी सुनवाई होना तो दूर,एनएचएम कार्यालय में कोई इनसे मिलने को तैयार नहीं हैं। इन नर्सों ने बुधवार को भी एनएचएम निदेशक से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाते हुये भगा दिया था।

दरअसल, साल 2014 और 2016 में करीब 34 नर्सों की एनएचएम के तहत सभी जनपदों में तैनाती हुई थी। इन सभी नर्सों ने बीएससी नर्सिंग कर रखा था। इन्हें मातृ एवं शिशु का जीवन बचाने की जिम्मेदारी मिली थी। लगभग दस साल तक इन्होंने बेहतरीन काम भी किया, लेकिन इसी साल 31 मार्च को इन सभी नर्सों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वह भी यह कहकर कि सरकार के पास बजट नहीं है। दस साल तक काम करने के बाद अब इन नर्सों को दूसरी जगह काम नहीं मिल पा रहा है, जिससे इनके सामने रोजी रोटी का संकट आ गया।

प्रदर्शन कर रही नर्सों ने कहा है कि उन्होंने अपनी समस्या को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मुलाकात की थी, उपमुख्यमंत्री ने उन सभी लोगों को कोविड कर्मचारियों की तरह समायोजित करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन कोविड कर्मचारियों का समायोजन का आदेश जारी हो गया, लेकिन उनके लिए कोई आदेश नहीं आया।

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