पंतनगर: ध्वनि और गति संवेदन के साथ अब फसलों की रक्षा करेगा ’बिजूका’

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Published By Bhupesh Kanaujia
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मृगांक मौली पंतनगर, अमृत विचार। जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी छात्रों अजय नेगी, मनीष व अदिति ने फसलों की पक्षियों से रक्षा करने के लिए ध्वनि और गति संवेदन के साथ काम करने वाला एक यंत्र विकसित किया है। सौर ऊर्जा से संचालित इस यंत्र को ’बिजूका’ नाम दिया गया है। प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के स्टाॅल पर प्रदर्शित इस यंत्र को देखने के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

स्टाॅल पर मौजूद छात्र ने बताया कि सौर ऊर्जा से संचालित स्केयर क्रो, का उद्देश्य एक विश्वसनीय और पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली विकसित करना है। जो फसलों को पक्षियों की क्षति से तेज ध्वनि उत्पन्न करके प्रभावी ढंग से बचाता है। इस यंत्र को बनाने में मात्र पांच हजार रूपये की लागत आई है। व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल करने के लिए इसे और भी बड़ा बनाया जा सकता है। बताया कि इस यंत्र को संचालन में जितनी ऊर्जा की जरूरत होती है, वह सौर से लेता है।

इसमें छह वोल्ट का सोलर पैनल एक वोल्टेज रेग्युलेटर से जुड़ा होता है। वोल्टेज नियामक अर्डिनो उनो और अन्य घटकों के लिए एक स्थिर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करता है। पक्षियों के निकट आने पर अल्ट्रासोनिक सेंसर द्वारा पक्षियों का बोध होते ही अर्डिनो उनो सेंसर डेटा को दनपुट के रूप में प्राप्त करता है और डेटा का विश्लेषण करने के बाद यह बिजूका यंत्र को चालू करता है। यंत्र में बिजूका संरचना से जुड़ी एक डीसी मोटर को सक्रिय करना शामिल है। जो पक्षियों और जानवरों को डराने के लिए तेज ध्वनि उत्पन्न करती है। जिससे पक्षी या जानवर डर जाता है और वहां से भाग जाता है।

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