बाराबंकी: लाखों खर्च, निष्प्रयोज्य पड़ी गोशालाएं, एक भी संरक्षित नहीं हैं मवेशी

बाराबंकी: लाखों खर्च, निष्प्रयोज्य पड़ी गोशालाएं, एक भी संरक्षित नहीं हैं मवेशी

त्रिवेदीगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद विकास क्षेत्र में बनवाई गई दो गौशालाएं जहां निष्प्रयोज्य बनी हुई हैं। वहीं सैकड़ों बेसहारा गोवंशीय पशु दुर्घटना का कारण है या दुर्घटना का शिकार दिख रही हैं। विकास क्षेत्र त्रिवेदीगंज अंतर्गत बनवाई गई दो गौशालाएं ग्राम सभा खैर वीरू व नरेंद्रपुर मदरहा विभिन्न कारणों से निर्माण पूरा होने के बावजूद गोवंशीय निराश्रित पशुओं को शरण देने में असमर्थ हैं। 

वर्ष 2022-23 में बनकर तैयार हुई खैर वीरू की गौशाला सड़क निर्माण न होने के चलते छुट्टा निराश्रित गौवंशीय पशु यहां तक पहुंच ही नहीं पाते। जबकि इस गौशाला में पर्याप्त समुचित व्यवस्थाएं हाेने के बावजूद लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क इसलिए नहीं बन पाई क्योंकि लाख जतन के सिंचाई विभाग द्वारा नहर पटरी पर सड़क बनाने के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध नहीं कराया।

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सचिव सुबोध गुप्ता का कहना है कई बार पत्राचार किए जाने के बावजूद सिंचाई विभाग ने सड़क बनाने के लिए एनओसी नहीं दी। प्रधान संदीप ने बताया कि मुनेश्वर नाम के व्यक्ति को केयरटेकर नियुक्त किए जाने के बाद हर माह 6000 का मानदेय भी दिया जाता है। वहीं नरेंद्रपुर मदरहा में बनी गौशाला लगभग 2 वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गई थी लेकिन यहां एक भी गोवंशीय पशु नहीं लाया जाता है।

यहां के सचिव स्वर्ण कुमार का कहना हैं कि गौशाला की छतों पर लगाई गई टीन के चादरें में भी उड़ गई हैं। ग्राम प्रधान मीरा देवी ने बताया कि एक माह तक छुट्टा जानवरों को लाया जाता था लेकिन उसके बाद सोनिकपुर में बनाई गई गौशाला में लोग छुट्टा पशुओं को लेकर जाते हैं। जो दूरी में कम है।

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