नोटबंदी पर जश्न मनाना पीड़ितों की कब्र पर केक काटने जैसा : शिवसेना

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

मुंबई। शिवसेना ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नोटबंदी की चौथी सालगिरह मनाना उन लोगों की कब्रों पर केक काटने के समान है जो इसकी वजह से ‘बर्बाद’हुए और जिनमें से कइयों ने ‘आत्महत्या’ तक कर ली थी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में वर्ष 2016 के …

मुंबई। शिवसेना ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नोटबंदी की चौथी सालगिरह मनाना उन लोगों की कब्रों पर केक काटने के समान है जो इसकी वजह से ‘बर्बाद’हुए और जिनमें से कइयों ने ‘आत्महत्या’ तक कर ली थी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में वर्ष 2016 के नोटबंदी के फैसले को भारत के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार दिया।

पार्टी ने दावा किया कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से देश के हितों को नुकसान हुआ। सामना ने लिखा, ‘‘फैसले (नोटबंदी के) पर जश्न मनाना, जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हुई…नौकरियां चली गई…आत्महत्याएं की गई और कारोबार एवं उद्योग तबाह हो गए , वैसा ही है जैसे ऐसे लोगों की कब्रों पर जन्मदिन का केक काटना।’’

उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रूपये मूल्य के पुराने नोटों को बंद करने के फैसले की चौथी सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इससे कालाधन कम करने और पारदर्शिता लाने में मदद मिली।

शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने बिहार विधान सभा चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मुद्दा उठाया लेकिन लोगों को प्रभावित करने में असफल रही।

सामना ने लिखा, ‘‘बिहार की फिजा तेजस्वी यादव (राजद नेता) द्वारा 10 लाख नौकरियां देने के वादे के बाद बदल गई। उनकी रैलियों में भारी भीड़ देखी गई। इनमें अधिकतर बेरोजगार युवा थे, यह क्या संकेत करता है?’’

संबंधित समाचार