BJP में शमिल होते ही AAP पर बरसे कैलाश गहलोत, कहा- ईडी और सीबीआई के दबाव में नहीं लिया फैसला

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। वह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और हर्ष मल्होत्रा, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी सहित अन्य की उपस्थिति में भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए। 

पार्टी में शामिल होने के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि गलत धारणा बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि आप छोड़ने का उनका निर्णय ईडी और सीबीआई के दबाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि आप ने अपने मूल्यों से समझौता कर लिया है। खट्टर ने गहलोत के भाजपा में शामिल होने को राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में एक ‘‘अहम मोड़’’ बताया। 

भाजपा को उम्मीद है कि गहलोत के पार्टी में शामिल होने से आगामी विधानसभा चुनावों में उसकी संभावनाएं बढ़ेंगी क्योंकि पार्टी का उद्देश्य आप से सत्ता हासिल करना है। सचदेवा ने कहा कि दो बार विधायक रहे और पेशे से वकील गहलोत अपने अच्छे काम के लिए जाने जाते हैं।

 पूर्व परिवहन मंत्री ने रविवार को आप छोड़ दी और आरोप लगाया कि ‘‘राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं’’ लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में 50 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।’’ 

आप का प्रमुख चेहरा रहे गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कई मुद्दे उठाए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व आधिकारिक आवास ‘शीशमहल’ जैसे कुछ ‘अजीब’ और ‘शर्मनाक’ विवादों का जिक्र किया और कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या ‘‘हम अब भी ‘आम आदमी’ होने में विश्वास करते हैं?’’ आप ने दावा किया था कि गहलोत का फैसला केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही जांच से प्रभावित है।  

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