Bareilly Gang War: राजीव राणा समेत 33 लोगों पर गैंगस्टर की FIR दर्ज, जानिए लिस्ट में कौन-कौन शामिल?

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: पीलीभीत बाईपास पर 22 जून को कराेड़ों की कीमत के प्लाॅट पर कब्जे के लिए दिनदहाड़े हुई फायरिंग के मामले में भू-माफिया राजीव राणा समेत उसके गिरोह के 33 सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की है। इस मामले में पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल और सपा पार्षद गौरव सक्सेना के खिलाफ विवेचना जारी है। पुलिस ने पूर्व विधायक के खिलाफ कोर्ट में गैर जमानती वारंट के लिए आवेदन किया था लेकिन अब तक नहीं मिल सका।

थाना इज्जतनगर प्रभारी धनंजय कुमार पांडेय ने बताया कि यह गिरोह अवैध कब्जा, संपत्ति विवाद और हिंसक अपराधों में लंबे समय से लिप्त है। गिरोह के सभी आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह के सभी सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

राजीव राणा गैंग लीडर तो ये बनाए गए सदस्य
पुलिस ने राजीव राणा को गिरोह सरगना बनाया है, जबकि उसके गिरोह में सुरेश शर्मा के संजय राणा, राजेंद्र नगर के रोहित, हर्ष शर्मा और शैलेश प्रताप, दुर्गानगर के रोहित ठाकुर, रिठौरा के ओमकार राठौर, शिवधाम कॉलोनी के शिव ओम कुमार, कलापुर के विशाल, धर्मपुर के अर्जुन कश्यप, अनिल उर्फ सनी और संजीव, मुड़िया अहमद नगर के रविंद्र यादव, नौज उर्फ नरवीर, ग्राम लभेड़ा के मुनाजिर, म्यौंदूखुर्द कला के मनोज कटियार, एकता नगर के नमन गोस्वामी, कृष्णा नगर कॉलोनी के पंकज गुप्ता को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा सैनिक कॉलोनी के संजय संदेश, संजय नगर के हरिओम सिंह, राधेश्याम, आशीष, राजन राणा, जोगीनवादा के दिनेश कठेरिया, अटरिया के सुभाष लोधी, हिस्ट्रीशीटर केपी यादव, धनुष यादव उर्फ गुगी, मोहम्मद हुसैन उर्फ गोला, संजू उर्फ संजय, गौरीशंकर राणा, अलीम कालिया, रवि वाल्मीकि और ललित सक्सेना को भी सदस्य बनाया गया है।

रोहित ठाकुर पर एनएसए लगाना चाहती थी पुलिस
रोहित ठाकुर के खिलाफ पुलिस रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाना चाहती थी। इसके लिए काफी प्रयास भी किए मगर चूक गई। रोहित के खिलाफ अलग-अलग 23 मुकदमे दर्ज हैं। फायरिंग में उसका वीडियो वायरल हुआ था।

दो का पुलिस ने नाम निकाल कर उर क्लीनचिट
पुलिस ने 11 नामजद लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी और विवेचना में 41 लोगों के नाम सामने आए थे। पुलिस ने जेसीबी मशीन मालिक गांव सिमरा निवासी अवधेश पटेल का नाम विवेचना से निकाल दिया। पुलिस ने हवाला दिया है कि जेसीबी को उन्होंने एक माह पहले ही श्याम फौजी को दिया था और श्याम फौजी ने जेसीबी को लल्ला यादव के साथ प्लाट पर भेजा था। जेसीबी को मौके पर ही लोगों ने जला दिया था। इसके अलावा गांव अटरिया निवासी ऋृतिक अवस्थी का नाम भी निकाला है। पुलिस ने सुभाष लोधी के बयान के आधार पर उसका नाम खोला था लेकिन सीडीआर से लेकर अन्य जांच में वह सामने नहीं आया।

सुनील ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण
विवेचना में शामिल किए गए नौ आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी कराया था। इनमें फरार चल रहे मुड़िया अहमदनगर के सुनील कुमार ने गुरुवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। अभी शिवम माथुर, इरफान, होटल मालिक चांद मोहम्मद, सचिन मौर्य, देवेन्द्र उर्फ दरिया, समर यादव, लल्ला यादव और गौरव सक्सेना फरार चल रहे हैं।

लंबे समय से सक्रिय गिरोह सरकारी जमीनों पर कब्जा करने, संपत्ति विवाद और हिंसक अपराधों में लिप्त है। गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए राजीव राणा को गिरोह को सरगना बनाया गया है। गिरोह में शामिल 32 और लोगों के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है- मानुष पारीक, एसपी सिटी।

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