Kanpur: खलवा पुल की डीपीआर का IIT से कराएं परीक्षण...नगर आयुक्त व परियोजना निदेशक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को मिला आदेश
कानपुर, अमृत विचार। बारिश में जूही खलवा पुल जलभराव में डूब जाता है। जलभराव के कारण पुल के नीचे हुए हादसों को देखते हुए लोगों की जीवन रक्षा के लिए इस मार्ग पर यातायात बंद करना पड़ता है। इससे एक दर्जन मोहल्लों का आवागमन बाधित होता है। खलवा पुल पर जलभराव से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री अधिवक्ता प्रवीण फाइटर की ओर से राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की गई थी।
आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा ने इस मामले में नगर आयुक्त व परियोजना निदेशक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को आदेशित किया है कि आईआईटी से जल्दी ही खलवा पुल की डीपीआर का पुनरीक्षण कराएं। जूही खलवा पुल पर बारिश में जलभराव के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए सेंट्रल बार एसोसिएशन महामंत्री की याचिका पर राज्य मानवाधिकार आयोग में सुनवाई कर रहा है। विगत दिवस सुनवाई में नगर निगम से अधिशासी अभियंता अतुल पांडेय पहुंचे।
उन्होंने जानकारी दी कि बीती 27 नवंबर को परियोजना प्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई जल निगम (ग्रामीण) ने आईआईटी कानपुर को डीपीआर वैट करने का पत्र जारी किया है। अधिशासी अभियंता ने संबंधित पत्र की प्रति भी आयोग में प्रस्तुत की। शिकायतकर्ता प्रवीण फाइटर ने कहा कि खलवा पुल पर स्टार्म वाटर पंप लगाने की घोषणा एक साल पहले किए जाने के बाद भी नगर निगम काम नहीं करा रहा है। न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा ने नगरआयुक्त व परियोजना निदेशक को आदेशित किया कि आईआईटी से संपर्क कर जल्द डीपीआर को पुनरीक्षित कराएं। अब सुनवाई 7 जनवरी को होगी।